Wednesday 1 January 2020

नेटवर्क मार्केटिंग


नेटवर्क मार्केटिंग - क्यों करें ?

  अब से बीस वर्ष पूर्व हमारी जीवन शैली और आर्थिक परिस्थियाँ अब से काफी भिन्न थी, तब हमारे खर्च सिर्फ अपने जीवन यापन तक ही सीमित थे,हमें सिर्फ कुछ विशेष ही हिस्सों पर खर्च करना होता था, जैसे - खानपान - चिकित्सा(सीमित), मकान और पर्यटन इत्यादि। बचत के रूप में लोगों का लक्ष्य केवल मकान बनवाना और पुत्री विवाह होता था। जीवनशैली भी सामान्य थी, सामान्य खर्च भी विलासिता माना जाता था, नए कपड़े भी  केवल शादी व्याह और त्यौहार आदि विशिष्ट अवसरों पर ही खरीदे जाते थे।   हमारी शिक्षा का भी उद्देश्य केवल नौकरी तक ही सीमित था। हमारी जीवनशैली ही , "जितनी चादर हो उतने ही पैर फैलाओ " जैसी कहावतों पर स्थापित थी।
 आज परिस्थितियाँ भिन्न हैं , हमारे आस पास खर्च के लिए बहुत कुछ है, मोबाइल फोन से लेकर प्रतिदिन एक्सक्लूअसिव परिधान जीवनशैली  का अभिन्न हिस्सा हैं। शिक्षा भी आज के समय में एक महंगा और आवश्यक खर्च है, आउटसाइड खानपान और इंटरनेट के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। शाही अंदाज़ में जीवनयापन प्रत्येक व्यक्ति का सपना और अधिकार बन गया है । एक आम व्यक्ति जो केवल परिवार के भरण-पोषण की सोच रखता था, आज वो भी महंगे शौक और ब्रांड के नाम पर खर्च करने से नहीं डरता है। यदि सीमित शब्दों में कहा जाए तो आज शानदार जीवन यापन पर प्रत्येक का अधिकार है। हर एक शानरदार घर ,शानदार कपड़े ,बच्चों की उच्च शिक्षा और शानदार यात्राएं करना चाहता है। परोक्ष में यह स्पष्ट है कि इन सब के लिए समुचित ही नहीं वरन अधिक धन की आवश्यकता है।
 हालात यह है कि, आज जीविकोपार्जन के लिए हमारा समाज आज सिर्फ परंपरागत व्यापार और नौकरी  पर निर्भर हैं। छोटे व्यापार में सिर्फ समस्या ही समस्या है, व्यापारी मुश्किल से खर्च ही निकाल पाते हैं। बड़ा व्यापार स्थापित करने के लिए पर्याप्त धन और सही स्थान पर व्यापारिक प्रतिसठान का होना मायने रखता है।
नौकरी-पेशा लोगों की समस्याएँ सर्विदित हैं। जनसामान्य के लिए सरकारी नौकरी दिवास्वप्न की भांति है और प्राइवेट सैक्टर का शोषण सब जानते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अपने सपनों और शौक पूरा करने के लिए हर एक के सामने चुनौती है । इस चुनौती का सामना हम सब सिर्फ अपने सभी संसाधनों का समुचित सदुपयोग कर के ही कर सकते हैं। धनोपार्जन के सभी संभावित संभावनाओं को जागरूक होकर देखना-जानना - समझना अत्यंत आवश्यक है।
  आधुनिक तकनीक युग और जनमानस की जागरूकता के दौर में अतिरिक्त आय और शेष समय का समुचित उपयोग धनोपार्जन हेतु केवल और केवल नेटवर्क मार्केटिंग से ही संभव है। नेटवर्क मार्केटिंग के समानार्थी शब्द , मल्टीलेवेल मार्केटिंग , डाइरैक्ट मार्केटिंग, नेटवर्क डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम है।
नेटवर्क मार्केटिंग आज के दौर में प्रचलित व्यापार प्रणाली है । वैसे तो वैश्विक स्तर पर यह व्यवसाय सदियों से जाना पहचाना व्यापार का क्षेत्र है, किन्तु भारतवर्ष में इसका प्रारम्भ 25 वर्ष पूर्व हुआ था। सितंबर 2016 में भारत सरकार ने भी नेटवर्क व्यापार/मल्टीलेवेल व्यापार के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी करके इसकी प्रामाणिकता को और अधिक स्थापित किया है। आज देश के प्रत्येक गाँव, कस्बे, शहर,जिले में लाखों लोग नेटवर्क व्यापार को जानते है, और एक अतिरिक्त आय के साधन के रूप में या पूर्ण आजीविका के साधन के रूप में अपना रहे है।
नेटवर्क मार्केटिंग क्या है ?
नेटवर्क मार्केटिंग प्रणाली में उपभोक्ता और उत्पादक सीधे जुड़े होते हैं। इस प्रणाली में उपभोक्ता उत्पादों को प्रयोग करता है और अपने जन पहचान के समूह में उत्पादों का प्रचार करके उत्पादक के साथ नए उपभोक्ताओं को समायोजित करते हैं, इसप्रकार बढ़ते और बने हुये समूह में प्रयोग किए जाने वाले उत्पादों की खपत की मात्रा के अनुसार ही प्रत्येक उपभोक्ता को आय प्राप्त होती है।
नेटवर्क मार्केटिंग क्यों करें ?
इस प्रश्न के जवाब ढूँढने के लिए हमें निम्न प्रश्नों के उत्तर खोजना होगा -
·       क्या आप अतिरिक्त समय का सदुपयोग करना चाहते हैं ?
·       क्या उचित कीमत पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद चाहते हैं ?
·       क्या एक अतिरिक्त आय की आवश्यकता हैं ?
·       क्या आप अपना व्यक्तित्व विकास चाहते हैं ?  
·       क्या आप अपने संगी साथियों और रिशतेदारों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करना चाहते हैं ?
·       क्या आप शानदार यात्राएं और उपहार चाहते हैं ?
·       क्या आप एक पीढ़ी दर पीढ़ी आय का स्रोत स्थापित करना चाहते हैं ?
यदि उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर आपके लिए हाँ  हैं, तो आपको नेटवर्क व्यवसाय अवश्य करना चाहिए।
नेटवर्क व्यवसाय कैसे करें ?
 नेटवर्क व्यवसाय आप अपने मनचाहे समय में , मनचाहे लोगों के साथ, मनचाहे लक्ष्य के अनुसार करते हैं, इसको प्रारम्भ करने में बहुत अधिक धन कि जरूरत नहीं होती है, नाही किसी स्थान या दुकान की जरूरत होती है। यह व्यवसाय सिर्फ और सिर्फ हमारी मोनोदशा के अनुसार ही हमारे अनुकूल होता है। इसको करने की विधि ही आम व्यापार से इतर होती है। यह व्यापार मानसिक दृढ़ता के अनुरूप ही फल देता है। अतः यह व्यापार करने के लिए इसे सीखना अत्यंत आवश्यक है। सीखने के लिए सर्वप्रथम एक सक्षम गुरु का सानिध्य आवश्यक है। गुरु का चयन अत्यंत ध्यानपूर्वक करना आवश्यक है। आज के परिवेश में जहां आम व्यापार में गला काट प्रतियोगिता है वहाँ मल्टीलेवल मार्केटिंग व्यापार अपने नेटवर्क के लोगों की समृद्धि पर आधारित होती है। अर्थात, इस व्यापार विधा में हमारी सफलता पूर्णतया नेटवर्क के लोगों की सफलता पर ही निर्भर है, लोगों को आत्मनिर्भर करने के लिए समय समय पर स्तर के अनुसार प्रशिक्षण सत्र का आयोजन करना जरूरी होता है। और सभी प्रशिक्षणों में  अत्यंत गंभीरता से सहभागिता लेना आवश्यक होता है। सही संतुलित और सटीक प्रशिक्षण सत्रों हेतु ही सक्षम गुरु की या सफल अपलाइन की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
नेटवर्क व्यापार सीखने सीखने और दूसरों को सिखाने वाले तैयार करने का व्यापार है। यह व्यापार आपके दृढ़ निश्चय, विश्वास और समर्पण से ही मनोवांछित परिणाम देता है। प्रारंभ  में यह व्यापार आपसे अधिक समय और कम धन लाभ देने वाला होता है, किन्तु जैसे जैसे आपका नेटवर्क बढ़ता है, आय मे भी समानुपात चक्रवृद्धि होती है। सही और संतुलित नेटवर्क में एक समय के पश्चात कम समय देने पर भी स्वतः लाभर्जन की परिस्थिति होती है। उस स्तर तक का नेटवर्क बनाने के लिए पुनः स्मरण रहे कि शक्तिशाली प्रभावी प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।
नेटवर्क व्यवसाय क्रियान्वयन विधि - यह व्यवसाय करने के लिए निम्न चरणों से प्रारम्भ करके प्रतिदिन किए जाने वाली गतिविधियों को करें और कार्य - पुनरीक्षण - प्रशिक्षण - अनुसरण (INPUT- REVIEW - TRAINING - IMPLIMENTAITION ) आंकलन के क्रम में समीक्षा करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। समय समय पर समीक्षा आपको अपने त्रुटियों को सुधारने और कार्य को संतुलित ढंग से करने के लिए प्रेरित करता है। स्मरण रहे कि नेटवर्क व्यापार आपका अपना व्यापार है, इसे किसी दूसरे के कहने या किसी के दबाव के कारण न करें, स्वप्रेरित होकर ही करना चाहिए, यदि आप सदैव इस प्रतीक्षा में रहेंगे कि कोई अपलाइन या अन्य आपको प्रतिदिन आप पर दबाव डाल कर सफलता या आपके लाभ के लिए आपके साथ कार्य करेगा तो यह सर्वथा अनुचित और अप्राकृतिक है, आपका अपलाइन या सीनियर आपके साथ उतना ही कार्य करता है जिससे उसका अपना लक्ष्य या लाभ होता है। आपको अगर नेटवर्क व्यापार से लाभ लेना है या कामयाब होना है तो स्वयं सम्पूर्ण प्रणाली को समझना पहला कदम होता है । नेटवर्क व्यापार में कामयाबी के लिए निम्न चरण में प्रणाली को जानना होता है -
·       नेटवर्क व्यापार का इतिहास
·       नेटवर्क व्यापार पद्धति
·       भारतवर्ष में नेटवर्क व्यापार संस्थाए
·       भारत सरकार द्वारा जारी दिग्दर्शिका (गाइड लाइन)
·       आपके द्वारा चयनित संस्था की  प्रोफ़ाइल
·       संस्था का प्रबंधन मण्डल
·       संस्था के उत्पाद और उनका मूल्य 
·       संस्था का मार्केटिंग प्लान
·       संस्था का प्रशिक्षण कार्यक्रम
·       संस्था में आपके स्पोंसर और सफल अपलाइन
·       संस्था के सरकारी दस्तावेज़/कानूनी कार्यवाही
·       संस्था द्वारा प्रदत्त सहायता मण्डल का अस्तित्व
  उपरोक्त विषय क्रमबद्ध रूप से स्पष्ट करके कोई भी जनमानस नेटवर्क व्यापार में एक सतत आय का स्रोत स्थापित कर सकता है। नेटवर्क  व्यापार में यदि समुचित और योजनाबद्ध कार्यप्रणाली को लागू किया जाए तो यह एक पीढ़ी दर पीढ़ी आय का एक साधन बनता है। 
           

  Mahendra Srivastastava

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        +91- 93 35 92 84 49
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12 comments:

Unknown said...

Nirantar chalte rahna hi manjil par pahucne ka mantra hai

Rksaroj said...

Very useful and guiding thoughts

Unknown said...

आपका मार्गदर्शन सदा उपयोगी रहता है...

mahendra said...

If anyone can get benefits, that will be Best reward for me. If you will introduce yourself,I will be obliged.

mahendra said...

Thanks for reading n spreading .

mahendra said...

अति उत्तम....यदि आप अपना परिचय भी देते तो मुझे प्रसन्नता होगी।

Unknown said...

Excellent sir ji very useful and informative. It is a core art to make someone clear and motivate
For work on his or her terms. You are very good in expressing the need of the hour.stay blessed.

mahendra said...

कृपया अपना परिचय दें ताकि साधुवाद दें सकू। फिर भी आपका साधुवाद

Unknown said...

Very nice

Unknown said...

शानदार और बेहतरीन जानकारी.... नेटवर्किंग करने हर एक के लिए यह लेख बहुत ही जरूरी है।
नवलेश सिंह चौहान

mahendra said...

Thanks a lot Navlesh ji ...

MyNetmantra said...

Very nice shrivShriva ji