Friday 23 July 2021

घर बैठे आय के साधन

                 करोना काल ने बहुत सी  परिभाषाएं बदल दी, अब जीवन शैली पहले सी आसान न रही और संसाधन भी नहीं रहे। जीवन के मायने  बदल गए हैं, नयी परिस्थियों ने जन्म लिया है, स्वास्थ्य कारणो से, लॉक डाउन के चलते बड़े बड़े व्यापार खत्म भी हुए हैं, जिससे आम जन मानस के समक्ष आय के संसाधनों की कमी है। यह रिक्तिता उन परिवारों में और भी ज्यादा आई है, जहां परिवार में कोई व्यक्ति बीमार हुआ है या फिर कोई अधिक बीमार होकर चल बसा, ऐसे में परिवारों ने अपनी क्षमताओं से अधिक खर्च किया है, बहुत से परिवारों ने प्रियजनों के उपचार के लिए कर्ज़ भी लिया है। हालात उन परिवारों के और भी बदतर हो गए हैं, जहाँ घर का मुखिया या कमाने वाला ही चल बसा हो या फिर अत्यधिक बीमारी के कारण अभी भी अपने रोज़गार पर वापस लौटने मे सक्षम नहीं है। ऐसे में लगभग सभी परिवारों को अपने समय का अधिक से अधिक सदुपयोग करने की आवश्यकता है,  परिवार के सभी सक्षम लोगों को कुछ न कुछ कर के आय करनी चाहिए , जिससे अपनी और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को पुनः पटरी पर लाने का सहयोग कर सकेंगे । आज  बहुत से ऐसे रोज़गार हैं जो घर से ही किए जा सकते हैं, मैं कुछ ऐसे रोजगार इस लेख के माध्यम से सुझा रहा हूँ , जोकि आम जन मानस के लिए लाभप्रद हो सकते  है , आप इस लेख को अन्य लोगों को फॉरवर्ड करके भी किसी जरूरत मंद परिवार की मदद कर सकते है -

1- ऑनलाइन अध्यापन - बहुत से ऐसे एप्लिकेशन है और ऑनलाइन वेब साइट  हैं , जहाँ ऑनलाइन ट्यूशन से एक बहुत अच्छी आय की जा सकती है, बहुत से विदेशी छात्र भी ऑन लाइन अद्ध्यन करना चाहते हैं , आप स्वतंत्र रूप से भी अपने लिए ऑनलाइन छात्र ढूंढ सकते हैं, यदि आप अपनी अध्यापन शैली विकसित कर लेते हैं और रोचक और बेहतर ढंग से आप पढ़ाते है तो बहुत जल्दी ही मार्केट में अपनी पकड़ बना कर एक शानदार आय कर सकते हैं। यह कार्य करने के लिए आपको बहुत ज्यादा लागत लगाने की भी आवश्यकता नहीं होती है। सिर्फ इंटरनेट और साधारण उपकरणो जैसे मोबाइल फोन और हेड फोन जैसे उपकरणों और तेज़ इंटरनेट से ही प्रारम्भ कर सकते है यदि लैपटाप हो तो और ही अच्छा रहता है। 
2- भोजन बेचना - यदि आप पाक कला में निपुण है और अलग अलग प्रकार के पकवान बनाने में आपकी रुचि रहती है तो आपके के लिए इस क्षेत्र मे शानदार अवसर है और इसमे लाभ भी अधिक है और प्रारम्भ इसका सेट अप भी लगाने की भी जरूरत नहीं होती है , अर्थात यह व्यापार प्रारम्भ करने में बहुत कम लागत होती है। इस व्यापार को प्रारम्भ में आप कुछ छः -सात  डिश का चयन कर लें और प्रति दिन एक डिश तैयार करके उसे अच्छे से सजा कर कुछ तशवीरें निकले और अपने सभी व्हाट्स अप ग्रुप और फ़ेस बूक आदि सोशल मीडिया अकाउंट पर  मूल्य के साथ पोस्ट कर दें , कुछ दिनों के बाद आपको स्वतः ही ऑर्डर मिलने शुरू हो जाएंगे, भोजन के व्यापार में स्वाद और शुद्धत्ता अधिक महत्वपूर्ण होती है, यदि आपने एक बार यह स्थापित कर दिया तो कस्टमर लगातार आएंगे , आप अपनी टिफ़िन सर्विस और घर पर यदि जगह हो तो एक छोटा सा डाइनिंग एरिया बना कर लोगों को घर पर ताज़ा खाना भी सर्व कर सकते है। चाहें तो अपने लिए कस्टमर बढ़ाने के लिए स्विग्गी और ज़ोमटो जैसे ऑनलाइन फूड सर्विस प्रदाताओं की सेवाएँ भी ले सकते हैं । फूड व्यापार यदि छोटी शुरुवात से किया जाए तो कभी भी घाटे का सौदा नहीं होता है । फूड व्यापार प्रारम्भ करने के लिए एक साधारण क्षेत्रीय निगम द्वारा फूड लाइसेन्स लेना होता है। यदि आप चाहे तो पापड़ , बड़िया , चटनी और आचार भी बना का बेच सकते हैं। सूखे पिसे मसाले का भी व्यापार घर से किया जा सकता है, केक और बर्थड़े पार्टी का भी व्यापार संभव और शानदार है।

3- व्हाट्स अप/ फ़ेसबूक  मार्केटिंग -  इंटरनेट युग में व्हाट्स अप प्लेटफॉर्म  ने असीमित संभावनाएं उत्पन्न की हैं। व्हाट्स अप पर ग्रुप बना कर आप कोई भी वस्तु की मार्केटिंग कर सकते हैं जैसे रेडीमेड कपड़े , घरेलू सामान सजावट के शो पीस आदि बेचा जा सकता है। विभिन्न सजावटी समान जैसे फूल - पेंटिंग आदि घर पर बना कर व्हाट्स अप समूहों और फ़ेसबुक पर बेच कर भी आय की जा सकती है। इसके अतिरिक्त आर्टिफ़िश्यल ज्वेलरी और रियल इस्टेट की भी मार्केटिंग आप फ़ेस बुक और व्हाट्स अप्प पर कर सकते हैं ।

4- मल्टी लेवेल मार्केटिंग - मल्टीलेवेल मार्केटिंग  का क्षेत्र अपने बेहतरीन क्वालिटी के प्रॉडक्ट और घर से आय के शानदार अवसर के रूप में स्थापित है , यदि आपको दोस्त बनाना , लोगों से बातें करना और मिलना जुलना पसंद है तो घर बैठे यह व्यापार आपके लिए कम पूंजी या लगभग न के बराबर इनवेस्टमेंट से प्रारम्भ किया जा सकता है। सितम्बर 2016 में भारत सरकार की ओर से सकारात्मक गाइड लाइन आने के बाद से व्यापार की इस विधा ने अपने को और अधिक स्थापित कर लिया है।  इंटर नेट के आने के बाद से मल्टीलेवेल मार्केटिंग में कार्य करना बहुत आसान हो गया है , घर से ही ऑन लाइन मीटिंग्स मे शामिल होकर और लोगों से बात करके एक बड़ा ग्राहक समूह तैयार किया जा सकता है और बेहतरीन आय भी कर सकते हैं । मल्टी लेवेल मार्केटिंग को डाइरेक्ट मार्केटिंग भी कहते हैं । इस क्षेत्र में सफलता के लिए संस्था के उत्पादों की जानकारी और प्रशिक्षण का बहुत महत्व होता है। आप किस व्यक्ति के साथ इस व्यापार को प्रारम्भ कर रहे हैं यह भी आवश्यक है , अधिकतर लोग इस फील्ड की संस्था को अपने संबंधियों या फिर पड़ोसियों के कहने पर उन्हें सम्मान देने के लिए जॉइन कर लेते है किन्तु कार्य कैसे करना है और कैसे आय कर सकते हैं यह नहीं जानते है और  ना ही जानने का प्रयास करते हैं, यदि प्रशिक्षण और सक्षम सीनियर को फॉलो कर लें तो यह घर से लगभग बिना लागत के किया जाने वाला शानदार व्यापार है।  

5 - शेयर ट्रेडिंग - यदि आपकी रुचि कॉमर्स फील्ड में है तो आप विभिन्न कंपनियो के शेयर की प्रतिदिन ट्रेडिंग कर के भी आप आय कर सकते हैं , इस फील्ड में निवेश से पूर्व सभी पहलू भलीभाँति सीख ले बहुत से ट्रेडिंग फ़र्म आपको प्रतिदिन टिप्स देती है और आप विशेष टीवी चैनल पर एनालिसिस देख कर शेयर ट्रेडिंग से भी आय कर सकते है यदि आपको इस क्षेत्र में सफलता मिलती है तो आप दूसरों को भी ट्रेडिंग टिप्स देकर अर्निंग कर सकते हैं।  शेयर ट्रेडिंग के लिए भारतीय बाज़ार और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार का विकल्प उपलब्ध है । इस क्षेत्र में प्रवेश से पूर्व कुछ दिनों तक किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह अवश्य लें , बाज़ार के उतार- चढ़ाव और व्यवहार को भी अवश्य देखें । सोच समझ और रुचि के साथ ट्रेडिंग करने पर एक शानदार आय घर बैठ कर कर सकते हैं।

6- क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग और निवेश - आजकल की रुचियों और तकनीक के विस्तारीकरण के दौर में क्रिप्टो करेंसी में निवेश और ट्रेडिंग करके भी शानदार आय की जा सकती है । क्रिप्टो करेंसी ब्लॉक-चेन आधारित डिजिटल मौद्रिक विकल्प है, वास्तविक क्रिप्टो करेंसी  पर किसी व्यक्ति विशेष , संस्था अथवा देश का आधिपत्य नहीं होता बल्कि यह एक समूह बेस अर्थात कम्यूनिटी के द्वारा स्वीकृत होती है , कम्यूनिटी के सदस्यों के बीच मांग और बिक्री (DEMOND & SUPPLY ) के आधार पर इसका मूल्य निर्धारित होता है , यह असीमित संभावनाओं का क्षेत्र हैं , जोकि अनुभव और  अधध्यन के आधार पर बहुत अधिक लाभ दे सकता है । लेख लिखने के समय अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में लगभग 10,000 + की संख्या है साथ ही कई स्थापित भारतीय क्रिप्टो मुद्राएँ भी हैं । क्रिप्टो की ट्रेडिंग के लिए बहुत से एक्स्चेंज हैं, जिनमें भारतीय और अंतराष्ट्रीय एक्स्चेंज है, इन पर ट्रेडिंग की जा सकती है , और इस विषय पर ज्ञान और सहायता के लिए बहुत सा साहित्य यूट्यूब और गूगल पर उपलब्ध है। सभी  सोशल मीडिया के प्लेट फॉर्म पर ऐसे ग्रुप्स उपलब्ध है जहां से आप क्रिप्टो ट्रेडिंग के टिप्स प्राप्त कर सकते हैं। क्रिप्टो की ट्रेडिंग 24X7 प्रतिदिन चलती है , अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी मनचाहे समय में क्रिप्टो ट्रेडिंग कर सकते हैं। ध्यान रहे कि जिस भी क्षेत्र में अत्यधिक लाभ होता है , जोखिम भी उसी क्षेत्र में होता है।

7- कंटैंट राइटिंग -  यदि आप की रुचि लेखन के क्षेत्र में है तो कंटैंट राइटिंग का क्षेत्र आपके लिए अनुकूल है । इस फील्ड में निपुड़ लोगों की बहुत आवश्यकता है। बस जरूरत है आपको अपने लेखन को और अधिक पैना करने कि , निखार के लिए आप विभिन्न सोशल मीडिया पर अपने लेख लिखते रहें और विभिन्न विषयों पर लेख डालते रहें , तथा अपनी प्रोफ़ाइल कंटैंट रायटर के रूप में विकसित करें ।  यह क्षेत्र भी अनुभव कि कद्र करता है । जितना ज्यादा आप लिखेंगे और पोस्ट करते रहेंगे आप उतना ज्यड़ा स्थापित होते जाएंगे और आज तकनीकी युग में घर बैठकर भी इस कार्य को कर सकते हैं । लेखन हेतु आप प्रारम्भ में आप अपना ब्लॉग भी प्रारम्भ कर सकते है। यदि आप कहानी लिखने में रुचि रखते है तो भी कई ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं , जहां आप अपनी कहानियाँ लिख कर पोस्ट कर सकते हैं।

8- डिजिटल डिज़ाइनिंग - यदि आप कि अभिरुचि विभिन्न प्रकार कि आकृतियाँ उकेरने कि है तो डिज़ाइनिंग का  क्षेत्र भी संभावनाओं से भरा है।आजकल डिज़ाइनिंग लगभग लगभग डिजिटल ही होती है ।  इस क्षेत्र में आय के लिए आपको सीधे सॉफ्टवेर बनाने की कंपनियों को संपर्क करे अपनी काबलियत के प्रतिरूप दिखाने  होंगे तत्पश्चात आपको काम  मिलने लगेगा । इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रिंटिंग प्रैस में भी प्रतिदिन डिज़ाइनिंग का कार्य आता है , आप अपनी योग्यता यदि इस क्षेत्र में स्थापित कर लेते हैं तो आपके पास कभी भी कम कि कमी नहीं रहेगी।   यह कार्य भी घर बैठ कर आप अपने मन चाहे समय में कर सकते है। कोरल - फोटोशोप आदि सॉफ्टवेर पर आप डिजिटल डिज़ाइनिंग कर सकते है , बहुत से छोटे कौर्सेस कर के भी आप डिज़ाइनिंग सीख कर स्वरोजगार विकसित कर सकते है।
   
  इसके अतिरिक्त और भी बहुत से क्षेत्र के कार्य है जिनको आप घर से कर सकते है और स्वरोजगार सृजन कर सकते हैं। यदि आपके पास भी कोई ऐसा आइडिया है तो इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में  अपने नाम के साथ सुझाएँ , ताकि अन्य लोग भी आपके सुझाव का लाभ  ले सकें।  MULTILEVEL MARKETING , REAL ESTATE और CRYPTO CURRENCY के क्षेत्र में कार्य करने के लिए आप मुझसे भी सलाह ले सकते है। संस्थाए संबन्धित विषय पर ट्रेनिंग हेतु भी संपर्क करें ।  धन्यवाद

Mahendra Srivastastava
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Tuesday 4 May 2021

करोना से कैसे लड़ें -

 

करोना पॉज़िटिव हैं तो क्या करें -
 आज यह लेख तब लिख रहा हूँ
, जबकि कल 04/05/2021 को मेरी  कोविड टेस्ट रिपोर्ट 'नेगेटिव ' जो कि 14/04/2021 को पॉज़िटिव आई थी । विगत लगभग एक पखवारे ने जीवन के लगभग सभी रंग दिखा दिये। इस दौरान लगातार सोशल मीडिया और समाचारों से इस संक्रामण की भयावहता भी दिल मे घर कर रही थी । एक चिंतक और प्रेरक होने के नाते मैंने अपने सर्वप्रथम शांत किया और इस जानलेवा संक्रामण से  कैसे लड़ सकते हैं इसकी योजना बनाई , इसको आज लेख के रूप देने का उद्देश्य है कि  बहुत से लोग मेरे इस अनुभव से लाभ ले सके -
   यदि  आप या आप का कोई संबंधी कोविड पॉज़िटिव हो गया हो तो तुरंत विचलित होने कि आवश्यकता नहीं है।  सर्वप्रथम
, प्रारम्भिक  लक्षणों को देखते है - गले में अजीब सी खराश, हल्का दर्द और सांस फूलना पहले दो दिनों मे लगता है , तीसरे और चौथे दिन बुखार 100 से 101 हो जाता है।  भयावहता प्रारम्भ होती है लगभग चौथे दिन के बाद इसका प्रकोप भयंकर होता है।  इस क्रम मे बस रोगी और तीमारदार को करोना के शरीर में फैलने से तेज़ बचाव के लिए एक्शन लेना होता है। सबसे पहले क्या करें -

·      ईश्वर  को ध्यान करते हुए रोगी को और परिवार के अन्य सदस्य सकारात्मक सोच के साथ एक लड़ाई के लिए अपने को तैयार कर लें । एक आंकड़े के अनुसार 95% कोविड रोगी ठीक हो जाते हैं अर्थात जान का जोख़िम नहीं रहता है , सकारात्मकता से मशतिष्क के न्यूरॉन सकारात्मक दिशा में सक्रिय हो जाते है और रोगी को रोग से लड़ने के लिए तैयार कर देते है , यदि यही सोच में ही नकारत्मकता उल्टा रोगी को परेशानी बढ़ा देती है और साथ ही साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भो लाचार कर देती है । अतः रोगी स्वयं मजबूती से सकारात्मक विचार के साथ अपने शीघ्र स्वस्थ होने का विश्वास रक्खे और तीमारदार और परिवारीजनों को भी विश्वास दिलाए ।

·      सर्वप्रथम रोगी अपने पृथकवास (ISOLATION) को तैयार हो जाएँ । यह नितांत आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम है , इस पृथकवास में रोगी को दो कार्य प्रमुख रूप से करने हैं - पहला कोविड से सीधी लड़ाई करनी है और अपना अधिकतम काम खुद से करना है, जी हाँ सारा कार्य खुद करना है। जैसे - अपने कपड़े , अपने प्रयोग किए हुए बर्तन , स्नान आदि । भोजन के बर्तन अलग होने चाहिए , रोगी भोजन लेते समय अपने बर्तन कमरे से बाहर रख कर दूर हट जाए , भोजन या नाश्ता  देने के बाद परिवारी जन आवाज लगा कर दूर हट जाएँ , अब रोगी उस भोजन को उठा कर गृहन कर सकते हैं । यदि किसी कारण जैसे वृद्धावस्था आदि के कारण अगर अपना काम करने मे अक्षम है तो तीमारदार बहुत सावधानी से , जैसे रोगी के पास जाते समय डबल मास्क (प्रस्तावित और प्रमाणित ) और दस्ताने पहन कर जाएँ , रोगी के कपड़े बर्तन आदि एक बड़े टब मे डाल कर सोडियम हाइपो सल्फेट या अन्य प्रमाणित वाइरस रोधी रसायन में गरम पानी  में डाल दें । 10- 15 मिनट के बाद ही अच्छे डिटर्जेंट से धोएँ । रोगी का कमरा भी समय समय पर सैनिटाइज़ करते रहें और संभव हो तो रोगी स्वयं करे । रोगी को भी किसी तीमारदार के आसपास होने पर मास्क अवश्य पहनें ।

·      अब कोविड रोग से लड़ने कि तैयारी करनी है, सर्वप्रथम आपके पास एक ओक्सी मीटर और डिजिटल थर्मामीटर तथा स्टीम लेने का उपकरण   होना आवश्यक है। प्रति  तीन घंटे पर ऑक्सिजन लेवेल और शरीर का तापमान नापते रहें। ऑक्सिजन लेवेल दुरुस्त रहे तो रोगी 75% लड़ाई यहीं जीत जाते हैं । ऑक्सिजन लेवेल को दुरुस्त रखने के लिए आप देशी पोटली - लौंग , अजवाइन और कपूर का भी प्रयोग कर सकते हैं।   जितने ज्यादा बार हो सके स्टीम लेते रहें , आप चाहें तो स्टीम उपकरण में पानी के साथ तुलसी अर्क का भी प्रयोग कर सकते हैं । एक बार में कम से कम 10 मिनट तक भाप अवश्य ले । 

·      अगला कदम है , चिकित्सीय सहायता लेना , जहां तक संभव हो घर पर रह कर ही उपचार लें , यह आपके और टीमदारों दोनों के लिए अत्यंत सुगम है।  चिकत्सक आपको वह चुनना है जो कि आपको ऑनलाइन और जब आवश्यकता हो तुरंत संपर्क करने पर आपको सलाह दे । यह भी आवशयक है  कि वह कोविड मरीजों को देखने का अनुभव रखते हों , उनके निरदेशानुसार तुरंत औषधियाँ लेना प्रारम्भ कर दें । इस कदम से आप लगभग सुरक्षित कि श्रेणी में आ जाते हैं ।

·      भोजन - बिलकुल भी खाली पेट न रहें , घर का बना सुपाच्य और हल्के तेल मसाले का भोजन करें और अधिक से अधिक पनि पिए , जितना ज्यादा हो सके और चिकित्सक कि राय लेकर पानी में ORS या एलेक्ट्राल मिला लें । नारियल पानी , सब्जियों का सूप , दाल  का पानी और दूध मे हल्दी का सेवन अवश्य करें ।

·      दिनचर्या - ज्यादा से ज्यादा आराम करें , भरपूर नींद लें । अपनी रुचि के अनुसार संगीत सुनना, पसंदीदा फिल्म देखना , ईश्वर भजन सुनना आदि जारी रख सकते हैं । लेकिन उतना ही जितने  से आपको  शारीरिक कष्ट न हो उतना मनोरंजन करें । अनुलोम - विलोम सबसे आसान प्राणायाम है , यह तीन - चार - पाँच बार जितना हो सके दिन में अवश्य करें , इससे आपका ऑक्सिजन लेवेल सही रहेगा तथा अन्य आसान जैसे - कपाल भाति, अर्ध कपालभाती , उज्जई आदि करते रहें , संभव हो तो सुबह शाम खुले मे टहले अन्यथा अपने कमरे मे ही टहल सकते है । खुले में टहलते समय रोगी ने मास्क अवश्य पहना होना चाहिए और आस पास कम से कम 6 फीट कि दूरी पर रहें मास्क और सैनिटाइज़र का प्रयोग करते रहें ।

·      मनोदशा - अंत में रोगी और परिवारिजनों कि मनोदशा का बहुत बड़ा रोल होता है इस संक्रमण  के समय। अब रोग अगर आ ही गया तो उससे रोगी को लड़ना ही है चाहे हंस के लड़े या फिर रो रो कर, मर्ज़ी है आपकी और जीवन है आपका

   अंत मे मेरी शुभकामनाए आप सभी के साथ है , ईश्वर  हम सभी को इस प्रकोप से बचाए। मैं कोई चिकित्सक नहीं हूँ, अपने डॉक्टर से संपर्क मे रहें और 100 % उनका अनुसरण करें  - हाँ एक चिंतक , प्रेरक और अभी अभी मैं  इस संक्रमण से बाहर आया हूँ , इस लिए यह लेख लिखा ताकि जरूरतमन्द लोगों को शायद मैं प्रेरित कर सकूँ । यदि आप मे से कोई भी चाहे तो व्हाट्स अप या कॉल कर के मुझसे सलाह ले सकते है। 

 आपका

 महेंद्र श्रीवास्तव

 09918800522/09335928449 

                                     

Monday 8 March 2021

मीटिंग या इवैंट कैसे प्रमोट करें ?


किसी भी नेटवर्क आधारित व्यापार के लिए किए जाने वाले कार्यक्रम का सपूर्ण लाभ लेने में  बहुधा अधिकांश लोग सक्षम नहीं होते हैं, इसका सीधा कारण जानकारी का अभाव या फिर किए जाने वाले कार्य के प्रति सम्पूर्ण निष्ठा और समर्पण की कमी होता है। लेकिन अधिकतर लोग केवल सही कार्य पद्धति अर्थात कैसे किसी इवैंट को अपने लिए कैसे सार्थक किया जाता है, यह जानकारी ही नहीं रखते हैं, इसी कारण से बार बार अच्छे अवसर होने के बावजूद अपनी टीम को बहुत बड़ा नहीं कर पाते हैं और सफलता से वंचित रह जाते हैं।    यदि आपके साथ भी अक्सर ऐसा हो रहा है तो निम्न बिन्दुवों को अपनी कार्य शैली में सम्मिलित करें और अपनी सफलता सुनिश्चित करें -

·       इवेंट मे आप होस्ट ( स्वागती  ) बन कर सम्मिलित हों नाकि गेस्ट (आगंतुक ) बन कर

·       इवेंट से पूर्व अपने संभावित ग्राहकों (prospect) की सूची बना लें ।

·       संभावित ग्राहक यदि आस पास के हैं तो स्वयं मिलकर या दूर के हैं तो विडियो कॉल माध्यम से आमंत्रित करें ।

·       अपने अतिथियों को आपके इस संस्था से जुडने का कारण स्पष्ट रूप से बताएं , यह भी बताएं कि आपकी संस्था दूसरों से किस प्रकार अलग है।

·       अपने संभावित ग्राहकों के आम जीवन से जुड़ी आर्थिक समस्याओं को ध्यान पूर्वक सुनें और उन्हे यह आश्वस्त करें कि उनकी समस्याओं का समाधान आपके साथ आपकी संस्था से जुड़ कर ही हो सकता है।

·       प्रत्येक से सीधे मिलकर संजीदा होकर अपनी संस्था और उससे होने वाले लाभ की संक्षिप्त विवरण साझा करें । सम्पूर्ण ज्ञान देने से बचें , सिर्फ विशेषताओ का उल्लेख करें ।

·       इवैंट आपके लिए बहुत अधिक  महत्वपूर्ण है यह अहसास करें और अपने परिवार को भी इसके प्रति संजीदा कर दें और अपने संभावित ग्राहकों (प्रोस्पेक्ट ) को भी इवैंट कि महत्वत्ता का अहसास करा दें ।

·       ईवेंट में जीवंत होकर सम्मिलित रहें , अपने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करें ।

·       अपने गेस्ट को अहसास कराएं कि आप अपनी संस्था के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।

·       इवैंट चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन  आपके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है ।

·       इवैंट की तैयारी अर्थात लोगों को आमंत्रित करना  पहले से करते रहें, और इवेंट के दिन प्रातः काल से ही लोगों को फोन कॉल से रिमाइंडर देते रहें।

·       इवैंट में सदैव समय से उपस्थित रहें । यदि कार्यक्रम ऑनलाइन है तो विडियो ऑन करके प्रसन्नचित मुद्रा में रहें ।

·       इवैंट चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइनआपकी वेषभूषा और सकारात्मक उपस्थिति टीम को उत्साहित करती है।

·       इवैंट के बाद सभी से फोन कॉल और व्यक्तिगत माध्यम से फॉलो अप करें , सही प्रकार से सही समय पर किया गया फॉलो अप से ही संभावित ग्राहक आपके लिए व्यापार में परिवर्तित होता है ।
सनद रहे कि इवेंट में आपके और आपकी टीम के अधिक से अधिक संख्या ही आपके नेटवर्क व्यापार कि सफलता का आधार होता है, आपके व्यक्तिगत गेस्ट अधिक होने से आप अपनी टीम के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। आशा है आप उपरोक्त लेख का अनुसरण करके अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने में सफल रहेंगे ।

   
 


Wednesday 3 February 2021

भारत के गौरव - महारणा प्रताप

 


भारतीय इतिहास के  वीरों की गाथाएँ   सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है । उनसे संबंद्धित कुछ रोचक तथ्य निम्न हैं -
    महाराणा प्रताप जी का जन्म 9 मई 1540 को  राजस्थान के  मेवाड़ के निकट एक गाँव मे हुआ था । प्रताप जैवन्ता बाई और महाराजा उदय सिंह द्वितीय  जी के ज्येष्ठ पुत्र थे। उदय सिंह द्वितीय ने ही उदय पुर की स्थापना की थी ।  महाराणा प्रताप जी एक कुशल योद्धा और समस्त युद्ध कलाओं में प्रवीण थे।  महाराणा 80 किलो का भाला
, दो तलवारें और 72  किलो का कवच सहित 208 किलो का वजन  धारण करते थे।   महाराणा सात फिट और पाँच इंच लंबे थे । महाराणा प्रताप के सबसे प्रिय घोड़े का नाम 'चेतक' था। चेतक बहुत ही समझदार और स्थिति को पल में ही भांप जाने वाला घोड़ा था। उसने कई मौकों पर महाराणा प्रताप की जान बचाई थी।  मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने कई प्रयास किए। अकबर चाहता था कि महाराणा प्रताप अन्य राजाओं की तरह उसके कदमों में झुक जाए।

    महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को  कभी स्वीकार नहीं किया था। अजमेर को अपना केंद्र बनाकर अकबर ने प्रताप के विरुद्ध सैनिक अभियान शुरू कर दिया। महाराणा प्रताप ने कई वर्षों तक मुगलों के सम्राट अकबर की सेना के साथ संघर्ष किया। मेवाड़ की धरती को मुगलों के आतंक से बचाने के लिए महाराणा प्रताप ने वीरता और शौर्य का परिचय दिया।

प्रताप की वीरता ऐसी थी कि उनके दुश्मन भी उनके युद्ध-कौशल के कायल थे। उदारता ऐसी कि दूसरों की पकड़ी गई मुगल बेगमों को सम्मानपूर्वक उनके पास वापस भेज दिया था। इस योद्धा ने साधन सीमित होने पर भी दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया और जंगल के कंद-मूल खाकर लड़ते रहे। माना जाता है कि इस योद्धा की मृत्यु पर अकबर की आंखें भी नम हो गई थीं। अकबर ने भी कहा था कि देशभक्त हो तो ऐसा हो।
 
महाराणा प्रताप का हल्दी घाटी के युद्ध के बाद का समय पहाड़ों और जंगलों में ही व्यतीत हुआ। अपनी गुरिल्ला युद्ध नीति द्वारा उन्होंने अकबर को कई बार मात दी। महाराणा प्रताप चित्तौड़ छोड़कर जंगलों में रहने लगे। महारानी, सुकुमार राजकुमारी और कुमार घास की रोटियों और जंगल के पोखरों के जल पर ही किसी प्रकार जीवन व्यतीत करने को बाध्य हुए। अरावली की गुफाएं ही अब उनका आवास थीं और शिला ही शैया थी 

 मुगल चाहते थे कि महाराणा प्रताप किसी भी तरह अकबर की अधीनता स्वीकार कर 'दीन-ए-इलाही' धर्म अपना लें। इसके लिए उन्होंने महाराणा प्रताप तक कई प्रलोभन संदेश भी भिजवाए, लेकिन महाराणा प्रताप अपने ‍‍निश्चय पर अडिग रहे। प्रताप राजपूत की आन का वह सम्राट, हिन्दुत्व का वह गौरव-सूर्य इस संकट, त्याग, तप में अडिग रहा। धर्म के लिए, देश के लिए और अपने सम्मान के लिए यह तपस्या वंदनीय है।

कई छोटे राजाओं ने महाराणा प्रताप से अपने राज्य में रहने की गुजारिश की लेकिन मेवाड़ की भूमि को मुगल आधिपत्य से बचाने के लिए महाराणा प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मेवाड़ आजाद नहीं होगा, वे महलों को छोड़ जंगलों में निवास करेंगे। स्वादिष्ट भोजन को त्याग कंद-मूल और फलों से ही पेट भरेंगे, लेकिन अकबर का आधिपत्य कभी स्वीकार नहीं करेंगे। जंगल में रहकर ही महाराणा प्रताप ने भीलों की शक्ति को पहचानकर छापामार युद्ध पद्धति से अनेक बार मुगल सेना को कठिनाइयों में डाला था।

मेवाड़ के गौरव भामाशाह ने महाराणा के चरणों में अपनी समस्त संपत्ति रख दी। भामाशाह ने 20 लाख अशर्फियां और 25 लाख रुपए महाराणा को भेंट में प्रदान किए। महाराणा इस प्रचुर संपत्ति से पुन: सैन्य-संगठन में लग गए। इस अनुपम सहायता से प्रोत्साहित होकर महाराणा ने अपने सैन्य बल का पुनर्गठन किया तथा उनकी सेना में नवजीवन का संचार हुआ। महाराणा प्रताप सिंह ने पुनः कुम्भलगढ़ पर अपना कब्जा स्थापित करते हुए शाही फौजों द्वारा स्थापित थानों और ठिकानों पर अपना आक्रमण जारी रखा!

मुगल बादशाह अकबर ने विक्रम संवत 1635 में एक और विशाल सेना शाहबाज खान के नेतृत्व में मेवाड़ भेजी। इस विशाल सेना ने कुछ स्थानीय मदद के आधार पर वैशाख कृष्ण 12 को कुम्भलगढ़ और केलवाड़ा पर कब्जा कर लिया तथा गोगुन्दा और उदयपुर क्षेत्र में लूट-पाट की। ऐसे में महाराणा प्रताप ने विशाल सेना का मुकाबला जारी रखते हुए अंत में पहाड़ी क्षेत्रों में पनाह लेकर स्वयं को सुरक्षित रखा और चावंड पर पुन: कब्जा प्राप्त किया। शाहबाज खान आखिरकार खाली हाथ पुनः पंजाब में अकबर के पास पहुंच गया। 

चित्तौड़ को छोड़कर महाराणा ने अपने समस्त दुर्गों का शत्रु से पुन: उद्धार कर लिया। उदयपुर को उन्होंने अपनी राजधानी बनाया। विचलित मुगलिया सेना के घटते प्रभाव और अपनी आत्मशक्ति के बूते महाराणा ने चित्तौड़गढ़ व मांडलगढ़ के अलावा संपूर्ण मेवाड़ पर अपना राज्य पुनः स्थापित कर लिया गया। इसके बाद मुगलों ने कई बार महाराणा प्रताप को चुनौती दी लेकिन मुगलों को मुंह की खानी पड़ी। आखिरकार, युद्ध और शिकार के दौरान लगी चोटों की वजह से महाराणा प्रताप की मृत्यु 29 जनवरी 1597 को चावंड में हुई।