Tuesday 4 May 2021

करोना से कैसे लड़ें -

 

करोना पॉज़िटिव हैं तो क्या करें -
 आज यह लेख तब लिख रहा हूँ
, जबकि कल 04/05/2021 को मेरी  कोविड टेस्ट रिपोर्ट 'नेगेटिव ' जो कि 14/04/2021 को पॉज़िटिव आई थी । विगत लगभग एक पखवारे ने जीवन के लगभग सभी रंग दिखा दिये। इस दौरान लगातार सोशल मीडिया और समाचारों से इस संक्रामण की भयावहता भी दिल मे घर कर रही थी । एक चिंतक और प्रेरक होने के नाते मैंने अपने सर्वप्रथम शांत किया और इस जानलेवा संक्रामण से  कैसे लड़ सकते हैं इसकी योजना बनाई , इसको आज लेख के रूप देने का उद्देश्य है कि  बहुत से लोग मेरे इस अनुभव से लाभ ले सके -
   यदि  आप या आप का कोई संबंधी कोविड पॉज़िटिव हो गया हो तो तुरंत विचलित होने कि आवश्यकता नहीं है।  सर्वप्रथम
, प्रारम्भिक  लक्षणों को देखते है - गले में अजीब सी खराश, हल्का दर्द और सांस फूलना पहले दो दिनों मे लगता है , तीसरे और चौथे दिन बुखार 100 से 101 हो जाता है।  भयावहता प्रारम्भ होती है लगभग चौथे दिन के बाद इसका प्रकोप भयंकर होता है।  इस क्रम मे बस रोगी और तीमारदार को करोना के शरीर में फैलने से तेज़ बचाव के लिए एक्शन लेना होता है। सबसे पहले क्या करें -

·      ईश्वर  को ध्यान करते हुए रोगी को और परिवार के अन्य सदस्य सकारात्मक सोच के साथ एक लड़ाई के लिए अपने को तैयार कर लें । एक आंकड़े के अनुसार 95% कोविड रोगी ठीक हो जाते हैं अर्थात जान का जोख़िम नहीं रहता है , सकारात्मकता से मशतिष्क के न्यूरॉन सकारात्मक दिशा में सक्रिय हो जाते है और रोगी को रोग से लड़ने के लिए तैयार कर देते है , यदि यही सोच में ही नकारत्मकता उल्टा रोगी को परेशानी बढ़ा देती है और साथ ही साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भो लाचार कर देती है । अतः रोगी स्वयं मजबूती से सकारात्मक विचार के साथ अपने शीघ्र स्वस्थ होने का विश्वास रक्खे और तीमारदार और परिवारीजनों को भी विश्वास दिलाए ।

·      सर्वप्रथम रोगी अपने पृथकवास (ISOLATION) को तैयार हो जाएँ । यह नितांत आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम है , इस पृथकवास में रोगी को दो कार्य प्रमुख रूप से करने हैं - पहला कोविड से सीधी लड़ाई करनी है और अपना अधिकतम काम खुद से करना है, जी हाँ सारा कार्य खुद करना है। जैसे - अपने कपड़े , अपने प्रयोग किए हुए बर्तन , स्नान आदि । भोजन के बर्तन अलग होने चाहिए , रोगी भोजन लेते समय अपने बर्तन कमरे से बाहर रख कर दूर हट जाए , भोजन या नाश्ता  देने के बाद परिवारी जन आवाज लगा कर दूर हट जाएँ , अब रोगी उस भोजन को उठा कर गृहन कर सकते हैं । यदि किसी कारण जैसे वृद्धावस्था आदि के कारण अगर अपना काम करने मे अक्षम है तो तीमारदार बहुत सावधानी से , जैसे रोगी के पास जाते समय डबल मास्क (प्रस्तावित और प्रमाणित ) और दस्ताने पहन कर जाएँ , रोगी के कपड़े बर्तन आदि एक बड़े टब मे डाल कर सोडियम हाइपो सल्फेट या अन्य प्रमाणित वाइरस रोधी रसायन में गरम पानी  में डाल दें । 10- 15 मिनट के बाद ही अच्छे डिटर्जेंट से धोएँ । रोगी का कमरा भी समय समय पर सैनिटाइज़ करते रहें और संभव हो तो रोगी स्वयं करे । रोगी को भी किसी तीमारदार के आसपास होने पर मास्क अवश्य पहनें ।

·      अब कोविड रोग से लड़ने कि तैयारी करनी है, सर्वप्रथम आपके पास एक ओक्सी मीटर और डिजिटल थर्मामीटर तथा स्टीम लेने का उपकरण   होना आवश्यक है। प्रति  तीन घंटे पर ऑक्सिजन लेवेल और शरीर का तापमान नापते रहें। ऑक्सिजन लेवेल दुरुस्त रहे तो रोगी 75% लड़ाई यहीं जीत जाते हैं । ऑक्सिजन लेवेल को दुरुस्त रखने के लिए आप देशी पोटली - लौंग , अजवाइन और कपूर का भी प्रयोग कर सकते हैं।   जितने ज्यादा बार हो सके स्टीम लेते रहें , आप चाहें तो स्टीम उपकरण में पानी के साथ तुलसी अर्क का भी प्रयोग कर सकते हैं । एक बार में कम से कम 10 मिनट तक भाप अवश्य ले । 

·      अगला कदम है , चिकित्सीय सहायता लेना , जहां तक संभव हो घर पर रह कर ही उपचार लें , यह आपके और टीमदारों दोनों के लिए अत्यंत सुगम है।  चिकत्सक आपको वह चुनना है जो कि आपको ऑनलाइन और जब आवश्यकता हो तुरंत संपर्क करने पर आपको सलाह दे । यह भी आवशयक है  कि वह कोविड मरीजों को देखने का अनुभव रखते हों , उनके निरदेशानुसार तुरंत औषधियाँ लेना प्रारम्भ कर दें । इस कदम से आप लगभग सुरक्षित कि श्रेणी में आ जाते हैं ।

·      भोजन - बिलकुल भी खाली पेट न रहें , घर का बना सुपाच्य और हल्के तेल मसाले का भोजन करें और अधिक से अधिक पनि पिए , जितना ज्यादा हो सके और चिकित्सक कि राय लेकर पानी में ORS या एलेक्ट्राल मिला लें । नारियल पानी , सब्जियों का सूप , दाल  का पानी और दूध मे हल्दी का सेवन अवश्य करें ।

·      दिनचर्या - ज्यादा से ज्यादा आराम करें , भरपूर नींद लें । अपनी रुचि के अनुसार संगीत सुनना, पसंदीदा फिल्म देखना , ईश्वर भजन सुनना आदि जारी रख सकते हैं । लेकिन उतना ही जितने  से आपको  शारीरिक कष्ट न हो उतना मनोरंजन करें । अनुलोम - विलोम सबसे आसान प्राणायाम है , यह तीन - चार - पाँच बार जितना हो सके दिन में अवश्य करें , इससे आपका ऑक्सिजन लेवेल सही रहेगा तथा अन्य आसान जैसे - कपाल भाति, अर्ध कपालभाती , उज्जई आदि करते रहें , संभव हो तो सुबह शाम खुले मे टहले अन्यथा अपने कमरे मे ही टहल सकते है । खुले में टहलते समय रोगी ने मास्क अवश्य पहना होना चाहिए और आस पास कम से कम 6 फीट कि दूरी पर रहें मास्क और सैनिटाइज़र का प्रयोग करते रहें ।

·      मनोदशा - अंत में रोगी और परिवारिजनों कि मनोदशा का बहुत बड़ा रोल होता है इस संक्रमण  के समय। अब रोग अगर आ ही गया तो उससे रोगी को लड़ना ही है चाहे हंस के लड़े या फिर रो रो कर, मर्ज़ी है आपकी और जीवन है आपका

   अंत मे मेरी शुभकामनाए आप सभी के साथ है , ईश्वर  हम सभी को इस प्रकोप से बचाए। मैं कोई चिकित्सक नहीं हूँ, अपने डॉक्टर से संपर्क मे रहें और 100 % उनका अनुसरण करें  - हाँ एक चिंतक , प्रेरक और अभी अभी मैं  इस संक्रमण से बाहर आया हूँ , इस लिए यह लेख लिखा ताकि जरूरतमन्द लोगों को शायद मैं प्रेरित कर सकूँ । यदि आप मे से कोई भी चाहे तो व्हाट्स अप या कॉल कर के मुझसे सलाह ले सकते है। 

 आपका

 महेंद्र श्रीवास्तव

 09918800522/09335928449