Tuesday 17 November 2020

चले चलो ....

 

 चले चलो ....



चलते रहना दरिया सा 
रुका हुआ बेमानी है 
बढ़ते चलो चले चलो 
जो ठहरा सो कहानी है 

जीवन चलते रहने का ही पर्याय है , ठहराव मृत्यु का प्रतीक है, अपनी परेशानियों, अक्षमताओं  और परिस्थियों से हार कर हमें रुकना नहीं है , झुकना नहीं है, चलते चलो बढ़े चलो , प्रत्येक असफलता से सीख लेनी है और फिर से चल पड़ना है, प्रत्येक बढ़ता कदम लक्ष्य को और करीब लाएगा, एक लक्ष्य के बाद फिर से चल पड़ना है एक नए सफर पर और नए लक्ष्य की ओर .... क्योंकि 
चलते रहना दरिया सा

रुका हुआ बेमानी है

बढ़ते चलो चले चलो

जो ठहरा सो कहानी है


https://youtu.be/klhWcWcthE8

Thursday 8 October 2020

UPDATE YOURSELF....

 समय के साथ चलिए वरना ??????


```1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए।


HMT (घडी)

BAJAJ (स्कूटर)

DYNORA (टीवी)

MURPHY (रेडियो)

NOKIA (मोबाइल)

RAJDOOT (बाईक)

AMBASDOR (कार)


मित्रों,

इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए!!

कारण???

उन्होंने समय के साथ बदलाव नहीं किया.!!

आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे।

चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है...

Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है।

Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है।

Paytm, ola cabs , oyo rooms जैसे अनेक उदाहरण हैं।

US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे।

Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा।

अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे।

आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी।

Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा।

ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा। जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी... क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी।

आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया। अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है।

आपने कभी ध्यान दिया है..?

आजकल बाज़ार में हर तीसरी दुकान आजकल मोबाइल फोन की है।

sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की।

अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन।

दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..।

समय के साथ बदलने की तैयारी करें।

इसलिए...

व्यक्ति को समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने स्वभाव में भी बदलाव करते रहना चाहिये।

 

"Time to Time Update & Upgrade"


समय के साथ चलिये और सफलता पाईये ।```                         

         *🙏🏻🙏🏻🙏🏻*(Copied)

Monday 20 April 2020

ONLINE MEETINGS ETIQUETTE ( ऑनलाइन मीटिंग्स के सलीके )



 
करोना काल और भविष्य की आवश्यकताओं के आधार पर हमारी हर प्रकार की मीटिंग्स अब काफी समय तक ऑनलाइन अर्थात बिना भीड़ भाड़ के ही होगी। इसका  सीधा प्रभाव रहेगा बीमा क्षेत्र, डाइरैक्ट सेल्लिंग, प्राइवेट वित्तीय संस्थानों, ऑर्गनाइज़ रियल स्टेट और उन सभी व्यवसायों पर जिसमे संस्था को जनसमूह को संबोधित करना होता है। कभी प्रशिक्षण हेतु कभी व्यापार मॉडल का व्याख्यान या फिर अपने सफल सहयोगियों को सम्मानित करने हेतु किए जाने वाले भव्य  सम्मान समारोह हों इन सभी का स्वरूप बदलने वाला है। मोटिवेशनल वक्ताओ के सेमीनार्स और कोचिंग कक्षाएं भी सीधे प्रभावित होंगे। इन परिस्थियों में अपने व्यवसाय को नए तरीके से स्थापित करना होगा। आज इसका विकल्प सिर्फ और सिर्फ ऑनलाइन मीटिंग्स ही देखा जा रहा है। अधिकतर संस्थानों ने इसे अपनाना भी प्रारम्भ कर दिया है। बहुत से लोगों ने इसे अपना भी लिया है और लगातार अपनाना भी प्रारम्भ भी कर दिया है। ऐसे में लोगों को भी ऑनलाइन मीटिंग्स में शामिल होने के तौर तरीके भी सीखने होंगे। ऑनलाइन मीटिंग्स में शामिल होने के लिए निम्न बिन्दुओं को ध्यान रखना जरूरी है -
· 
  •           मीटिंग्स में संजीदा होकर शामिल हों
  •        मीटिंग के विषय की तैयारी पहले से ही रक्खे, मीटिंग में अपने फोन/लैपटाप के माइक्रो फोन को ऑफ रखें , यदि कुछ बोलना है तो पहले हैंड रेज़ विकल्प का प्रयोग करके अनुमति मिलने पर ही अपनी बात रक्खें
  •         मीटिंग में समय पर सम्मिलित हों
  •         अपने उपकरण जैसे, लैपटॉप या मोबाइल को पहले से चार्ज करके रखें
  •         हैड फोन या ईयर फोन की लीड लगा कर मीटिंग शामिल हों
  •         मीटिंग के लिए घर के सबसे शांत स्थान का चयन करें कैमरे के बैक्ग्राउण्ड का भी ध्यान रखें 
  •         परिवार के अन्य सदस्यों को भी अपने मीटिंग के विषय में संजीदा होकर अवगत करा दें तथा उन्हें मीटिंग के बीच में व्यवधान न करने को बता दें
  •         अपने इंटरनेट कनैक्शन का ध्यान रक्खें
  •         अपनी बारी आने पर ही अपना पक्ष रक्खें
  •         अनुशासन का पालन करें
  •         लैपटाप या मोबाइल के बैक्ग्राउण्ड में चलने वाली अन्य वेबसाइट या एप्स को बंद कर दें।
  •        अपने ड्रेस कोड का भी ध्यान रक्खें
  •         मीटिंग की सूचनाओं को एकत्र करने हेतु डायरी पेन ले कर बैठें
  •         अपने सीनियर का यथोचित सम्मान करें
  •         यदि आप मीटिंग के होस्ट हैं तो स्टार्ट करने से पूर्व मीटिंग का अजेंडा तैयार कर लें। यदि संभव हो तो किसी सक्षम सहयोगी को सभा संचालित करने हेतु नियुक्त करें
  •         समय से ही मीटिंग प्रारम्भ और समाप्त करें
  •         यथा संभव सभी को अपनी बात कहने का अवसर दें।
  •         मीटिंग को क्लोज़ करते समय अजेंडा और सभी सुझावों को दोहरा कर अभिवादन के साथ समाप्त करें। 


Mahendra Srivastastava

Monday 6 April 2020

संघर्ष और समर्पण का फल

ये पोस्ट सिर्फ बच्चों और युवाओं के लिए हैं! छात्र जीवन में आपके द्वारा की गई मेहनत  से कैसे आपका पूरा जीवन बदल जाता हैं!  श्री आनंद  कुमार (super 30) ने यह कहानी सांझा की, आपसे शेयर कर रहा हूँ! कृपया  पूरी पढ़े  !!

   यह कहानी वाराणसी से निधि झा नाम की लड़की की है। एक निर्धन ब्राह्मण परिवार की जुझारू बच्ची। दादा साइकिल पर नमकीन बेचते थे । पिता ऑटो रिक्शा चलाते। चाचा ड्राइवरी करते। इन सबसे 15-18 घंटे की मेहनत के बावजूद बस 12 सदस्यों के परिवार का भरण-पोषण ही हो पाता। रहने तक की जगह नहीं थी। ब्राह्मण होने के नाते एक मंदिर प्रांगण में जगह मिल गई। घर के सब बड़े चाहते थे कि बच्चे पढ़-लिखकर सम्मानजनक काम करें। निधि चार बहनों में से एक है। एक भाई है। पिता सुनील झा की आंखों में बस यही सपना रहा कि बच्चे उनकी तरह अंतहीन संघर्षों से दूर एक सुखद संसार का हिस्सा बनें। यह पढ़ाई से ही संभव था, मगर पढ़ाई संभव नहीं थी।
पहली बार में मिली विफलता
    वह सनातन धर्म इंटर कॉलेज में दाखिल हुई। पुरानी किताबों से पढ़ी। दसवीं पास की तो लगा कि आसमान छू लिया। मंदिर में आने वाले लोग अपनी संतानों के लिए डॉक्टर-इंजीनियर बनने की मन्नत मांगते। निधि ने देखा तो यही सपना उसकी आंखों में बस गया। बिना किसी ट्यूशन और कोचिंग के, सिर्फ पुरानी किताबों की दम पर अकेले निधि घंटों पढ़ती। आईआईटी की प्रवेश परीक्षा का आवेदन भरा। तैयारी की। मगर कामयाब नहीं हुई। खूब रोई। मजबूरी में सरकारी कॉलेज में बीएससी के लिए आगे बढ़ी। दिल टूटा हुआ था। कुछ भी निश्चित नहीं था। कहीं अखबार से सुपर 30 के प्रोग्राम का पता चला तो एक दिन मेरे सामने खड़ी हुई। वह हमारी टीम और मेरे परिवार का हिस्सा बन गई। मेरी मां को दादी कहती। 14-16 घंटे पढ़ाई में खपी रहती। मां कहती, थोड़ा आराम कर ले। टीवी देख ले। वह कहती, नहीं दादी। इन दोनों कामों के लिए जिंदगी पड़ी है। मगर पढ़ाई सिर्फ अभी ही हो सकती है।
संघर्ष की कहानी पर बनी फिल्म
उन्हीं दिनों फ्रांस के फिल्म मेकर पास्कल प्लिसन पटना आए। सुपर 30 के बच्चों से मिले। उन्हें एक ऐसी कहानी पर फिल्म बनानी थी, जिसमें अथक संघर्ष हो। समर्पण हो। उन्हें निधि के किरदार में यह नजर आया। रिक्शा चलाते पसीने में नहाए पिता, साइिकल पर नमकीन बेचते दादा और ड्राइवर की नौकरी करते चाचा का चेहरा हर समय उसके जेहन में रहता। 20 दिन तक फिल्म की शूटिंग चली। निधि ने आईआईटी की परीक्षा दी। जिस दिन निधि का रिजल्ट आया, उसका परिवार हमारे यहां जुटा था। सबकी नजरें निधि के परिणाम पर थी। वह कामयाब हुई थी। सुनील झा के परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर इतनी खुशियां इसके पहले किसी मौके पर नहीं आई थीं। अब आगे की पढ़ाई के लिए पास्कल ने खर्चे की जिम्मेदारी ली थी। निधि का दाखिला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग धनबाद में हुआ। निधि पर बनी फिल्म का प्रीमियर 2015 में फ्रांस में हुआ। तब निधि और उसके परिवार के साथ-साथ मैं अपने छोटे भाई प्रणव के साथ बतौर खास मेहमान पेरिस में आमंत्रित था। आज निधि एक बहुत ही बड़ी कंपनी में बतौर इंजीनियर काम कर रही है |
मैं यहाँ निधि की दो तस्वीर भी पोस्ट कर रहा हूँ | एक तस्वीर सघर्ष के दिनों की है, और दूसरी तस्वीर इंजीनियर बनने के बाद की है!! पैसा और पद इंसान की पूरी  personality बदल देता है!!
यह है हमारे संस्कार धन्य हैं यह बच्ची ,धन्य हैं इसके गुरु ( आनन्द कुमार सुपर 30 ) । मेरी आँखों में आँसू की शुरुआत हो गई हैं इस कहानी को लिख कर। मै एक निवेदन करना चाहता हूँ। अपने सनातनी भाइयों से बंद करो उच्च ,नीच का खेल । हम सब पहले सनातनी हैं यही हमारी पहचान है , यही मेरा धर्म हैं ।  Copied 

Wednesday 1 April 2020

DREAMS/TARGET ALLOCATION ( लक्ष्य निर्धारण )

 जो लक्ष्य सर्वसुलभ अर्थात आसानी से प्राप्त किया जा सके वह लक्ष्य नहीं होता है , लक्ष्य का अर्थ है कि एक अतिरिक्त प्रयास से उस गन्तव्य पर को प्राप्त करना जोकि अभी हमसे दूर है। जब हम ऐसा प्रयास करते हैं और लक्ष्य प्राप्त करते है तो एक सच्चे विजेता सी भावनाएं जागती हैं, साथ ही साथ हमारी टीम भी हमारे साथ होने में गौरान्वित महसूस करती है, और आपमें अपना हीरो देखने लगती है , आपका अनुकरण कर आप जैसा बनने का प्रयास करती है।  इस प्रकार जब आपकी टीम में लोग आप जैसे बनने लग जाते हैं, आपकी तरह ही कार्य परिणाम देने लगते है और हम अगले स्तर  के लक्ष्य कि ओर बढ़ सकते हैं।
 लक्ष्य निर्धारण से समझने से पूर्व लक्ष्य क्या है, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है।  
लक्ष्य निर्धारण हम कई बार करते हैं, और उनका जम कर प्रचार भी करते हैं, किन्तु जैसे ही कुछ समय बीतता है , हम पुनः एक नया लक्ष्य और नया कार्यक्रम टीम के समक्ष रख देते हैं, इस कृत्य से, हमारा लीडरशिप और टीम के समक्ष प्रभुत्व क्षीण होने लगता है, अतः लक्ष्य निर्धारण बेहद संतुलन और समझदारी के साथ करें। लक्ष्य का निर्धारण करने से पूर्व निम्न बिंदुवों पर एक अभ्यास कर लें –
      ·        लक्ष्य वास्तविक है या नहीं?
·        लक्ष्य का उद्धेश्य क्या है? 
·        लक्ष्य पर आपको खुद विश्वास है या नहीं ?
·        लक्ष्य के समरूप खुद में और टीम में क्षमता है या नहीं?
·        लक्ष्य को प्राप्त करने में लगने वाला समय का मूल्य लक्ष्य के समानुपात में है या नहीं ?
·        लक्ष्य को प्राप्त करने की क्या प्रभावी योजना हो सकती है?
·        प्रथम योजना के साथ बैक-अप योजना क्या है?
·       योजना हेतु संसाधन क्या क्या आवश्यक हैं, और वह उपलब्ध है या नहीं उपरोक्त बिंदुवों      को एक बार विचार में रख कर योजना बनाएँ और तदोपरांत लक्ष्य के लिए प्रयास प्रारम्भ      करना चाहिए।
·     लक्ष्य के लिए समर्पण की भावना होनी चाहिए और आपके समर्पण के साथ टीम का          समर्पण भी आवश्यक है।
·      लक्ष्य केवल व्यग्तिगत लाभ हेतु नहीं निर्धारित होना चाहिए। 

Mahendra Srivastastava

Friday 20 March 2020

करोना वाइरस - क्या है? कैसे प्रभावित करता है ? बचाव क्या है ? कैसे आज की परिस्थिति से निपटें? आज की परिस्थिति का मानसिक रूप से कैसे सामना करें ?

ऋतु परिवर्तन के साथ ही जीवाणु/ विषाणु सक्रिय होते है, फलस्वरूप बीमारियाँ भी ज्यादा सामने आती हैं ।  हमारी भारतीय संस्कृति के तीज-त्योहार भी ऋतु परिवर्तन के अनुसार ही हैं , होलिका दहन , रंग खेलना , खिचड़ी , लोहड़ी आदि , इन पर्वों से जुड़े   हमारी संस्कृति के कर्मकांड भी साइंटिफिक कारण  जैसे  जगह जगह अग्नि प्रज्ज्वलन आदि , यह सब इन जीवाणुवों के प्रभाव को रोकने का ही तरीका है । किन्तु समय समय पर  इन  सूक्ष्म जीवों की  मारक क्षमताओं  मे भी परिवर्तन होता है ।
    आज हम सबके सामने एक भयावह रूप मे सामने आया है कोरोना वाइरस ।  ऐसा नहीं है कि यह कोई नया वाइरस कही उत्पन्न हुआ है , यह वाइरस फॅमिली है करोना , जिसका यह एक सदस्य कोविड -19 नामित किया गया है, जोकि मूलरूप से चमगादड़ को प्रभावित करता है , वह चीन के वुहान शहर में सर्वप्रथम मनुष्य में आया है। यह वाइरस मनुष्य के श्वसन तंत्र  को  प्रभावित करता है, और इसका प्रभाव फैलता ज्यादा है, प्रारम्भ में गुणित,द्विगुणित और बहुगुणित फैलता है ।    इसी के प्रभाव से हम सब आज इस स्थिति में आ गए हैं।  इस वाइरस का प्रसार हवा में नहीं फैलता है वरन ड्रोप्लेट अर्थात हमारे थूक से फैलता है ।
       इस लेख में मैं उन कॉमन बातों का अधिक उल्लेख नहीं कर रहा हूँ , जो कि समान्यतः आपको न्यूज़ चैनल आदि जगहों पर मिल जाएगा। प्रश्न यह है कि इस स्थिति में हम व्यावहारिक रूप में क्या करें ? कैसे अपने परिवार के साथ वर्ताव करें ?
आज हर घर में अधिकतर लोग न्यूज़ चैनल पर सिर्फ करोना का ही देख रहे हैं
, एक ही विषय की  वार्ता कई - कई चैनलों पर कई - कई घंटों लोग यही न्यूज़ देख रहे है,  सोशल मीडिया पर भी अलग अलग पटल (PLATFORM ) पर केवल और केवल यही सूचना आ रही है ।  इस हालत में , लोग हालात से ज्यादा मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। विषेशरूप से जो लोग शुगर के मरीज है , उन्हे तो वाइरस से ज्यादा तनाव से बचना है , क्योंकि हमारे शरीर में सबसे कमजोर स्ट्रक्चर का एंजाइम इंशुलिन होता है , जोकि सीधे शरीर में शर्करा की मात्रा को बढ़ाता है, यानि तनाव से सीधे शुगर के मरीज को समस्या होगी , इसके साथ ही उनके इर्द -गिर्द परिवार के लोग प्रभावित होंगे । समस्या यहाँ ही होगी , क्योकि वर्तमान हालातों में डॉक्टर भी अतिव्यस्त होंगे और सहायता मिलने में भी असुविधा होगी । लगभग आज यही हालत प्रत्येक परिवार में हैं । तो ऐसे हालातों मे करना क्या चाहिए ? सरकार और स्वास्थ्य विभाग  द्वारा सुझाए गए सुरक्षा उपायों को  अपनाए  विभिन्न इम्मुनिटी बढ़ाने के आयुर्वेदिक उत्पाद जैसे - तुलसी , गिलोय ,आवला,नीबू आदि का अधिक प्रयोग करें ,   निम्न तरीकों से खुद को और परिवार के सदस्यों को व्यस्त रखें -
  • ·       घर में ही सपरिवार धार्मिक अनुष्ठान करें
  • ·       सपरिवार योग , व्यायाम  आदि करें
  • ·       पारिवारिक इंडोर खेल जैसे अंताक्षरी   आयोजित करें
  • ·       ऑनलाइन पारिवारिक सदस्यों या रिशतेदारों  के साथ गेम खेलें
  • ·       कोई फिल्म आदि लगा कर सपरिवार आनंद लें
  • ·       परिवार के साथ कोई कॉमेडी कार्यक्रम देखें
  • ·       छोटे बच्चों को आर्ट या अन्य एक्टिविटी में व्यस्त करें
  • ·       समय समय पर समाचार देखें किन्तु लगातार न देखें
  • ·       कोई धार्मिक सिरीज़ जैसे - रामायण , महाभारत आदि भी देख सकते हैं ।
  • ·       म्यूजिक के साथ सपरिवार डांस भी कर सकते हैं
  • ·       कैरिओके अन्य एप्प्स पर गाना भी गा सकते हैं
  • ·       ताश/ कैरम शतरंज और लूडो जैसे खेल खेलें

    इस प्रकार अपने अपने परिवार को व्यस्त रख कर आज के हालातों से अपने को और परिवार को   सुरक्षित रक्खें और सबका ख्याल रक्खें । 
Mahendra Srivastastava

Tuesday 11 February 2020

धनवान का सत्य

एक सेठ जी थे, जो दिन-रात अपना काम-धँधा बढ़ाने में लगे रहते थे। उन्हें तो बस, शहर का सबसे अमीर आदमी बनना था। धीरे-धीरे पर आखिर वे नगर के सबसे धनी सेठ बन ही गए। 

इस सफलता की ख़ुशी में उन्होने एक शानदार घर बनवाया। गृह प्रवेश के दिन, उन्होने एक बहुत शानदार पार्टी का आयोजन किया। जब सारे मेहमान चले गए तो वे भी अपने कमरे में सोने के लिए चले आए। थकान से चूर, जैसे ही बिस्तर पर लेटे, एक आवाज़ उन्हें सुनायी पड़ी...

"मैं तुम्हारी आत्मा हूँ, और अब मैं तुम्हारा शरीर छोड़ कर जा रही हूँ !!"

सेठ घबरा कर बोले, "अरे! तुम ऐसा नहीं कर सकती!!, तुम्हारे बिना तो मैं मर ही जाऊँगा। देखो!, मैंने वर्षों के तनतोड़-परिश्रम के बाद यह सफलता अर्जित की है। अब जाकर इस सफलता को आमोद प्रमोद से भोगने का अवसर आया है। सौ वर्ष तक टिके, ऐसा मजबूत मकान मैने बनाया है। यह करोड़ों रूपये का, सुख सुविधा से भरपूर घर, मैंने तुम्हारे लिए ही तो बनाया है!, तुम यहाँ से मत जाओ।"     

आत्मा बोली, "यह मेरा घर नहीं है, मेरा घर तो तुम्हारा शरीर था, स्वास्थ्य ही उसकी मजबूती थी, किन्तु करोड़ों कमाने के चक्कर में, तुमने इसके रख-रखाव की अवहेलना की है। मौज-शौक के कबाड़ तो भरता रहा, पर मजबूत बनाने पर किंचित भी ध्यान नहीं दिया। तुम्हारी गैर जिम्मेदारी ने इस अमूल्य तन का नाश ही कर डाला है।" 

आत्मा नें स्पष्ट करते हुए कहा, "अब इसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, थायरॉइड, मोटापा, कमर दर्द जैसी बीमारियों ने घेर लिया है। तुम ठीक से चल नहीं पाते, रात को तुम्हे नींद नहीं आती, तुम्हारा दिल भी कमजोर हो चुका है। तनाव के कारण, ना जाने और कितनी बीमारियों का घर बन चुका है, ये तुम्हारा शरीर!!" 

"अब तुम ही बताओ, क्या तुम किसी ऐसे जर्जरित घर में रहना चाहोगे, जिसके चारो ओर कमजोर व असुरक्षित दीवारें हो, जिसका ढाँचा चरमरा गया हो, फर्नीचर को दीमक खा रही हो, प्लास्टर और रंग-रोगन उड़ चुका हो, ढंग से सफाई तक न होती हो, यहाँ वहाँ गंदगी पड़ी रहती हो। जिसकी छत टपक रही हो, जिसके खिड़की दरवाजे टूटे हों!! क्या रहना चाहोगे ऐसे घर में? नहीं रहना चाहोगे ना!! ...इसलिए मैं भी ऐसे आवास में नहीं रह सकती।"

सेठ पश्चाताप मिश्रित भय से काँप उठे!! अब तो आत्मा को रोकने का, न तो सामर्थ्य और न ही साहस सेठ में बचा था। एक गहरी निश्वास छोड़ते हुए आत्मा, सेठ जी के शरीर से निकल पड़ी... सेठ का पार्थिव बंगला पडा रहा।

मित्रों, ये कहानी आज अधिकांश लोगों की हकीकत है। सफलता अवश्य हासिल कीजिए, किन्तु स्वास्थ्य की बलि देकर नहीं। अन्यथा सेठ की तरह मंजिल पा लेने के बाद भी, अपनी सफलता का लुत्फ उठाने से वंचित रह जाएँगे!!

             "पहला सुख निरोगी काया 🙏🙏🙏  - MS💐💐💐💐

Wednesday 5 February 2020

अलंकृत करो जीवन धन ,

अलंकृत करो जीवन धन ,
लक्ष्य यही लो ठान ।
सृजन में ही समृद्धि है
,
बस बस मान लो यह ज्ञान ॥
   जीवन धन से बड़ा धन कुछ भी नहीं है।
  अर्थात - जीवन धन, वह लोग है जो हमारे आस पास है, यह हमारे कर्मचारी, हमारी टीम के साथी, सह कर्मचारी, हमारे सीनियर, हमारे मालिक, हमारे संगी साथी , हमारे पड़ोसी, भाई-बहन,माता- पिता,  कोई भी, जिनसे हम प्रभावित है और जो हमसे प्रभावित हैं, आदि  सभी हमारे जीवन धन हैं। हमें सदैव इनकी समृद्धि अर्थात सर्वांगीण विकास हेतु प्रयास करना चाहिए।
  अधिकतर जो लोग हमारे आस पास होते है,उनके लिए हमारा नज़रिया कैसे काम करता है ? प्रारम्भ में हमको उनके सारे गुण सगुण नज़र आते है , हम उनकी अच्छाईयों के कायल होते हैं, जैसे  जैसे हम इनके  अधिक करीब जाते हैं और समय बीतता है, गुणो को भूल कर अवगुण पर फोकस बढ़ता जाता है  और यही हमारे जीवन में विषाद विद्वेष  का  विषय  हो जाता है, अपेक्षित परिणाम जो हमें मिल सकते थे उससे वंचित हो जाते हैं, उपरोक्त लाइनों के अनुसार हमे इनके विकास हेतु कार्य करना चाहिए, इन सभी के सृजन में ही हमारी समृद्धि का खज़ाना छुपा है , हमें इसी जीवन धन का सृजन करना है।
https://www.youtube.com/watch?v=Me8Jafi5WZw&list=PLAJXTA-x-llI_R0WzfN6psuKHLHUSwsfd&index=2&t=0s

Sunday 2 February 2020

2020 MOTIVATION - ANMOL JINDAGI

Please watch my new video "ANMOL JINDAGI".

"ANMOL JINDAGI" title justify life with this two liner.
These motivational lines can do miracle and motivate a person to perform passionately .
It's universal fact a motivated person perform much better than ordinary. "शह मात का खेल जिंदगी, दिन रात का उजाला अंधेरा भी, जी लो शोखियाँ मस्तियाँ और बंदगी, हर पल हर घड़ी अनमोल है जिंदगी"
 https://youtu.be/DxPeZQ6Q-MU

       

Tuesday 7 January 2020

चंद लाइने 2020  के आगमन पर आपसब के लिए आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपको अवश्य पसंद आएँगी।  आप सब को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। 
आपका- महेंद्र श्रीवास्तव
Mahendra Srivastastava
Mobile-+91- 99 18 80 05 22
        +91- 93 35 92 84 49
https://www.facebook.com/mpsri 

Wednesday 1 January 2020

नेटवर्क मार्केटिंग


नेटवर्क मार्केटिंग - क्यों करें ?

  अब से बीस वर्ष पूर्व हमारी जीवन शैली और आर्थिक परिस्थियाँ अब से काफी भिन्न थी, तब हमारे खर्च सिर्फ अपने जीवन यापन तक ही सीमित थे,हमें सिर्फ कुछ विशेष ही हिस्सों पर खर्च करना होता था, जैसे - खानपान - चिकित्सा(सीमित), मकान और पर्यटन इत्यादि। बचत के रूप में लोगों का लक्ष्य केवल मकान बनवाना और पुत्री विवाह होता था। जीवनशैली भी सामान्य थी, सामान्य खर्च भी विलासिता माना जाता था, नए कपड़े भी  केवल शादी व्याह और त्यौहार आदि विशिष्ट अवसरों पर ही खरीदे जाते थे।   हमारी शिक्षा का भी उद्देश्य केवल नौकरी तक ही सीमित था। हमारी जीवनशैली ही , "जितनी चादर हो उतने ही पैर फैलाओ " जैसी कहावतों पर स्थापित थी।
 आज परिस्थितियाँ भिन्न हैं , हमारे आस पास खर्च के लिए बहुत कुछ है, मोबाइल फोन से लेकर प्रतिदिन एक्सक्लूअसिव परिधान जीवनशैली  का अभिन्न हिस्सा हैं। शिक्षा भी आज के समय में एक महंगा और आवश्यक खर्च है, आउटसाइड खानपान और इंटरनेट के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। शाही अंदाज़ में जीवनयापन प्रत्येक व्यक्ति का सपना और अधिकार बन गया है । एक आम व्यक्ति जो केवल परिवार के भरण-पोषण की सोच रखता था, आज वो भी महंगे शौक और ब्रांड के नाम पर खर्च करने से नहीं डरता है। यदि सीमित शब्दों में कहा जाए तो आज शानदार जीवन यापन पर प्रत्येक का अधिकार है। हर एक शानरदार घर ,शानदार कपड़े ,बच्चों की उच्च शिक्षा और शानदार यात्राएं करना चाहता है। परोक्ष में यह स्पष्ट है कि इन सब के लिए समुचित ही नहीं वरन अधिक धन की आवश्यकता है।
 हालात यह है कि, आज जीविकोपार्जन के लिए हमारा समाज आज सिर्फ परंपरागत व्यापार और नौकरी  पर निर्भर हैं। छोटे व्यापार में सिर्फ समस्या ही समस्या है, व्यापारी मुश्किल से खर्च ही निकाल पाते हैं। बड़ा व्यापार स्थापित करने के लिए पर्याप्त धन और सही स्थान पर व्यापारिक प्रतिसठान का होना मायने रखता है।
नौकरी-पेशा लोगों की समस्याएँ सर्विदित हैं। जनसामान्य के लिए सरकारी नौकरी दिवास्वप्न की भांति है और प्राइवेट सैक्टर का शोषण सब जानते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अपने सपनों और शौक पूरा करने के लिए हर एक के सामने चुनौती है । इस चुनौती का सामना हम सब सिर्फ अपने सभी संसाधनों का समुचित सदुपयोग कर के ही कर सकते हैं। धनोपार्जन के सभी संभावित संभावनाओं को जागरूक होकर देखना-जानना - समझना अत्यंत आवश्यक है।
  आधुनिक तकनीक युग और जनमानस की जागरूकता के दौर में अतिरिक्त आय और शेष समय का समुचित उपयोग धनोपार्जन हेतु केवल और केवल नेटवर्क मार्केटिंग से ही संभव है। नेटवर्क मार्केटिंग के समानार्थी शब्द , मल्टीलेवेल मार्केटिंग , डाइरैक्ट मार्केटिंग, नेटवर्क डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम है।
नेटवर्क मार्केटिंग आज के दौर में प्रचलित व्यापार प्रणाली है । वैसे तो वैश्विक स्तर पर यह व्यवसाय सदियों से जाना पहचाना व्यापार का क्षेत्र है, किन्तु भारतवर्ष में इसका प्रारम्भ 25 वर्ष पूर्व हुआ था। सितंबर 2016 में भारत सरकार ने भी नेटवर्क व्यापार/मल्टीलेवेल व्यापार के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी करके इसकी प्रामाणिकता को और अधिक स्थापित किया है। आज देश के प्रत्येक गाँव, कस्बे, शहर,जिले में लाखों लोग नेटवर्क व्यापार को जानते है, और एक अतिरिक्त आय के साधन के रूप में या पूर्ण आजीविका के साधन के रूप में अपना रहे है।
नेटवर्क मार्केटिंग क्या है ?
नेटवर्क मार्केटिंग प्रणाली में उपभोक्ता और उत्पादक सीधे जुड़े होते हैं। इस प्रणाली में उपभोक्ता उत्पादों को प्रयोग करता है और अपने जन पहचान के समूह में उत्पादों का प्रचार करके उत्पादक के साथ नए उपभोक्ताओं को समायोजित करते हैं, इसप्रकार बढ़ते और बने हुये समूह में प्रयोग किए जाने वाले उत्पादों की खपत की मात्रा के अनुसार ही प्रत्येक उपभोक्ता को आय प्राप्त होती है।
नेटवर्क मार्केटिंग क्यों करें ?
इस प्रश्न के जवाब ढूँढने के लिए हमें निम्न प्रश्नों के उत्तर खोजना होगा -
·       क्या आप अतिरिक्त समय का सदुपयोग करना चाहते हैं ?
·       क्या उचित कीमत पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद चाहते हैं ?
·       क्या एक अतिरिक्त आय की आवश्यकता हैं ?
·       क्या आप अपना व्यक्तित्व विकास चाहते हैं ?  
·       क्या आप अपने संगी साथियों और रिशतेदारों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करना चाहते हैं ?
·       क्या आप शानदार यात्राएं और उपहार चाहते हैं ?
·       क्या आप एक पीढ़ी दर पीढ़ी आय का स्रोत स्थापित करना चाहते हैं ?
यदि उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर आपके लिए हाँ  हैं, तो आपको नेटवर्क व्यवसाय अवश्य करना चाहिए।
नेटवर्क व्यवसाय कैसे करें ?
 नेटवर्क व्यवसाय आप अपने मनचाहे समय में , मनचाहे लोगों के साथ, मनचाहे लक्ष्य के अनुसार करते हैं, इसको प्रारम्भ करने में बहुत अधिक धन कि जरूरत नहीं होती है, नाही किसी स्थान या दुकान की जरूरत होती है। यह व्यवसाय सिर्फ और सिर्फ हमारी मोनोदशा के अनुसार ही हमारे अनुकूल होता है। इसको करने की विधि ही आम व्यापार से इतर होती है। यह व्यापार मानसिक दृढ़ता के अनुरूप ही फल देता है। अतः यह व्यापार करने के लिए इसे सीखना अत्यंत आवश्यक है। सीखने के लिए सर्वप्रथम एक सक्षम गुरु का सानिध्य आवश्यक है। गुरु का चयन अत्यंत ध्यानपूर्वक करना आवश्यक है। आज के परिवेश में जहां आम व्यापार में गला काट प्रतियोगिता है वहाँ मल्टीलेवल मार्केटिंग व्यापार अपने नेटवर्क के लोगों की समृद्धि पर आधारित होती है। अर्थात, इस व्यापार विधा में हमारी सफलता पूर्णतया नेटवर्क के लोगों की सफलता पर ही निर्भर है, लोगों को आत्मनिर्भर करने के लिए समय समय पर स्तर के अनुसार प्रशिक्षण सत्र का आयोजन करना जरूरी होता है। और सभी प्रशिक्षणों में  अत्यंत गंभीरता से सहभागिता लेना आवश्यक होता है। सही संतुलित और सटीक प्रशिक्षण सत्रों हेतु ही सक्षम गुरु की या सफल अपलाइन की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
नेटवर्क व्यापार सीखने सीखने और दूसरों को सिखाने वाले तैयार करने का व्यापार है। यह व्यापार आपके दृढ़ निश्चय, विश्वास और समर्पण से ही मनोवांछित परिणाम देता है। प्रारंभ  में यह व्यापार आपसे अधिक समय और कम धन लाभ देने वाला होता है, किन्तु जैसे जैसे आपका नेटवर्क बढ़ता है, आय मे भी समानुपात चक्रवृद्धि होती है। सही और संतुलित नेटवर्क में एक समय के पश्चात कम समय देने पर भी स्वतः लाभर्जन की परिस्थिति होती है। उस स्तर तक का नेटवर्क बनाने के लिए पुनः स्मरण रहे कि शक्तिशाली प्रभावी प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।
नेटवर्क व्यवसाय क्रियान्वयन विधि - यह व्यवसाय करने के लिए निम्न चरणों से प्रारम्भ करके प्रतिदिन किए जाने वाली गतिविधियों को करें और कार्य - पुनरीक्षण - प्रशिक्षण - अनुसरण (INPUT- REVIEW - TRAINING - IMPLIMENTAITION ) आंकलन के क्रम में समीक्षा करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। समय समय पर समीक्षा आपको अपने त्रुटियों को सुधारने और कार्य को संतुलित ढंग से करने के लिए प्रेरित करता है। स्मरण रहे कि नेटवर्क व्यापार आपका अपना व्यापार है, इसे किसी दूसरे के कहने या किसी के दबाव के कारण न करें, स्वप्रेरित होकर ही करना चाहिए, यदि आप सदैव इस प्रतीक्षा में रहेंगे कि कोई अपलाइन या अन्य आपको प्रतिदिन आप पर दबाव डाल कर सफलता या आपके लाभ के लिए आपके साथ कार्य करेगा तो यह सर्वथा अनुचित और अप्राकृतिक है, आपका अपलाइन या सीनियर आपके साथ उतना ही कार्य करता है जिससे उसका अपना लक्ष्य या लाभ होता है। आपको अगर नेटवर्क व्यापार से लाभ लेना है या कामयाब होना है तो स्वयं सम्पूर्ण प्रणाली को समझना पहला कदम होता है । नेटवर्क व्यापार में कामयाबी के लिए निम्न चरण में प्रणाली को जानना होता है -
·       नेटवर्क व्यापार का इतिहास
·       नेटवर्क व्यापार पद्धति
·       भारतवर्ष में नेटवर्क व्यापार संस्थाए
·       भारत सरकार द्वारा जारी दिग्दर्शिका (गाइड लाइन)
·       आपके द्वारा चयनित संस्था की  प्रोफ़ाइल
·       संस्था का प्रबंधन मण्डल
·       संस्था के उत्पाद और उनका मूल्य 
·       संस्था का मार्केटिंग प्लान
·       संस्था का प्रशिक्षण कार्यक्रम
·       संस्था में आपके स्पोंसर और सफल अपलाइन
·       संस्था के सरकारी दस्तावेज़/कानूनी कार्यवाही
·       संस्था द्वारा प्रदत्त सहायता मण्डल का अस्तित्व
  उपरोक्त विषय क्रमबद्ध रूप से स्पष्ट करके कोई भी जनमानस नेटवर्क व्यापार में एक सतत आय का स्रोत स्थापित कर सकता है। नेटवर्क  व्यापार में यदि समुचित और योजनाबद्ध कार्यप्रणाली को लागू किया जाए तो यह एक पीढ़ी दर पीढ़ी आय का एक साधन बनता है। 
           

  Mahendra Srivastastava

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