Monday 31 August 2015

अपनी कमजोरी और ताकत को जाने KNOW YOUR WEAKNESS & STRENGTH


 खुद को समझ लिया तो जग को समझ लिया,
 खुद को जीत लिया समझो सारा जग जीत लिया

इस दुनियाँ मे हर एक व्यक्ति समान क्षमताओं का हो यह संभव नहीं है
I हर एक का व्यक्तित्व भिन्न भिन्न होता हैI एक टीम लीडर के लिए जरूरी है कि वो कमजोरी और ताकत दोनों पक्षों को समझे, जानें और महसूस भी करे I तभी वह मजबूत पक्ष और कमजोरी दोनों का आकलन करने में सक्षम होगा I एक बड़े अभियान का यह एक जरूरी हिस्सा है कि, नायक स्वयं और दूसरों की कमजोरी और मजबूती को समझ कर ही अपनी टीम की कार्यशैली और योजना बना सकता हैI
आखिर कैसे कमजोर और मजबूत पक्ष को हम ढूंढ सकते हैं
?
 यहाँ खोजने के लिए दो पक्ष है :-
प्रथम पक्ष(स्वयं)- खुद की कमजोरियों का चुनाव करें और मजबूत पक्ष चिन्हित करें
    यदि आप निरंतर प्रगति चाहते हैं
, तो यह आवश्यक है कि स्वयं मे बदलाव करने ही होंगे, बिना स्वयं को बदले आप किसी और को बदलने की  न तो नसीहत दे सकते हैं ना ही बदलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
 स्वयं को बदलने के लिए स्वयं का आकलन जरूरी है, यह आकलन कैसे किया जा सकता है, इसके लिए निम्न चरणों का अनुसरण करें –
1.   एक कॉपी या डायरी लें
2.   अपने व्यक्तित्व के बारे में लिखें
3.   कमजोर और मजबूत पक्ष अलग अलग लिखें
4.   दूसरों से अपने बारे मे पूछें  (FEEDBACK), ध्यान रहे फीडबैक के लिए अलग अलग श्रेणी और सोच के लोगों से मिलें
5.   कमजोर  पक्षों पर रणनीति बनाकर सुधार करें, यदि उनमें सुधार की संभावना नहीं है तो उनको छुपाने का प्रयत्न करें, किन्तु इस कमी के कारण अपने आत्मविश्वास को कम न होनें दें। थोड़े से अभ्यास से आप अपनी कमजोरी को भी मजबूती की तरह प्रस्तुत कर सकते हैं। 
एक वाक़या – एक बार एक सेमिनार मे बहुत से सफल लोग स्टेज पर थे
, उन्हीं में से एक महान लीडर जिनका रंग काफी काला था, वो भी शिरकत कर रहे थे, सबको बारी बारी से बोलना था , जैसे ही इन शक्स की बारी आई, कुछ स्मार्ट और गोरे चिट्टे लोग थोड़ा सा हँस दिये, यह बात इन लीडर साहब ने भाप ली , स्टेज पर पहुंचते ही अभिवादन और परिचय देने के बाद बोला – “यहाँ स्टेज पर बहुत सारे स्मार्ट और गोरे लोग हैं, मेरा व्यवसाय इनसे हमेशा ज्यादा होता है, इसमे इनकी गलती नहीं है , बल्कि ईश्वर ने इनके साथ अन्याय किया है, इन्हे गोरा और स्मार्ट बना दिया, यह लोग रोज अपनी स्मार्टनेस पर थोड़ा ज्यादा ही टाइम खर्च करना इनकी मजबूरी है,जैसे बिना स्नान के यह घर से निकल नहीं सकते, बिना मैंचिंग के कपड़े नहीं पहन सकते, और मुझ पर ईश्वर ने कृपा करके ऐसा रुंग दिया है किया मुझे न ज्यादा सोचना पड़ता है और न ही ज्यादा समय देना होता है, नहाने के बाद और बिना नहाय चमड़ी पर कोई फर्क नहीं पड़ता”।
    उनके इस वक्तव्य से उनकी सकारात्मक विचार ने उनकी एक प्राकृतिक कमजोरी को सकारात्मक ढंग से न केवल छुपा दिया वरन विरोधियों को भी लाजवाब कर दिया।
6.   बहुधा हर किसी का मजबूत पक्ष उसे पता भी होता है, फिर भी लोग उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते है या अनजाने में अनदेखा करते हैं,जबकि  मजबूत पक्ष को निखारने के लिए निरंतर अभ्यास अत्यंत आवश्यक है।
7.   अपने मजबूत पक्ष को जानने के लिए एक संक्षिप्त सर्वे तैयार कीजिये और पुनः कैश बॉक्स यानि टीम से फीडबैक लीजिए।
8.   संस्था के योग्य अधिकारियों  और अपनी टीम के अनुभवी सदस्यों से फीडबैक के लिए संजीदा होकर बात करें।
ध्यान दें
, एक बार फीडबैक लेने के बाद अपनी कमजोरियों और सशक्त पक्ष को जानने के पश्चात यथा अनुसार सुधार करके पुनः फीडबैक लें , यह प्रक्रिया निरंतर चलनी चाहिए क्योंकि सुधार और व्यक्तित्व विकास की कोई सीमा नहीं होती है।एक कहावत के अनुसार  –
“THE BIGGEST ROOM IN THE WORLD IS ROOM OF IMPROVEMENT
 इस निरंतर प्रक्रिया से व्यक्तित्व,ज्ञान और करियर में निखार स्वयं को और आपके सहयोगियों और संस्था, सभी को दिखेगा और आप निरंतर प्रगति के पथ पर परिष्कृत और परिमार्जन के साथ गतिशील रहेंगे ।
दूसरा  पक्ष (टीम)  :-
आपका कैश बॉक्स यानि टीम का भी आकलन  करें, पूरी टीम के साथ बैठक निरंतर करें और उसमें चयन करें, लगातार इस प्रक्रिया को दोहराएँ और फिर देखें, आपको अपनी ही टीम मे कई ऐसे लोग और प्रतिभाएं नज़र आयेंगी। जब आप नज़र डालें तो पाएंगे की बहुत से  कार्य जो कि आप  अकेले कर रहे थे, उसमें साथ और हाथ बटाने के लिए काफी लोग नज़र आएंगे। आप देखेंगे और पायेंगे कि –
·         कोई बेहतर ढंग से मीटिंग के पूर्व स्टेज सजाने मे माहिर मिलेगा
·         कोई न कोई नैसर्गिक मंच व मीटिंग संचालक होगा
·         किसी में लोगो को बुलाने की क्षमता होगी
·         तो कोई टीम के रिकार्ड्स बेहतर ढंग से एकत्र कर सकता है
·         हो सकता है की किसी वरिष्ठ सदस्य की  सिर्फ उपस्थिति से ही टीम उत्साहित होती हो
·         कोई आपके प्रेजेंटशंस की बेहतर डिजायनिंग कर सकता होगा
·         तो कोई ऐसा भी होगा जिसके संपर्क टीम के विस्तार के लिए अहम होंगे
   इस प्रकार प्रत्येक मे कोई न कोई गुण अवश्य होगा
,सिर्फ जरूरत है की उन्हें ढूंढ कर निकालिए और निखारिये। यह आपको और आपके कैश बॉक्स को बेहतर विस्तार देगा अर्थात लाभ द्विगुणित हो जाएगा

सर्वप्रथम, इनकी एक लिस्ट तैयार करें। और क्रमवार आने वाली सभाओं में एक लय बद्ध कार्यक्रम होने लगेंगे। यही प्रक्रिया अन्य फ्रंट पर भी लागू करें।  इस प्रकार स्वयं और टीम कि मजबूती और कमजोरी दोनों को समझ कर सही प्रकार से प्रयोग करने पर परिणाम लाभप्रद होंगे।