Friday 28 December 2012

आदरणीय स्पीकएशियन्स,

कुछ प्रशन, जिसकी वजह से स्पीकएशिया के इरादों पर शक होता है।

1: स्पीक एशिया अपनी वेबसाइट वापसी की मांग क्यूँ नहीं कर रही?
उत्तर: EOW Mumbai की जांच जारी है, इस लिए अभी ऐसा करना संभव नहीं। आरोपपत्र (chargesheet ) दाखिल होने बाद कंपनी मांग कर सकती है।
2: कंपनी exit लेने वालों का भुगतान क्यूँ नहीं कर रही? जबकि 21 नवम्बर 2012 के update में कहा गया था कि हम पूरे जोरों से भुगतान शुरू करेंगे।
उत्तर: उसी अपडेट में कंपनी ने यह कहा था कि “भुगतान का पहला बैच कुछ पनेलिस्ट्स के बैंक खतों में परखने के लिए भेजा है। कंपनी इस समय यह डाटा एकत्रित कर रही है कि किसे मिला और किसे नहीं। कंपनी इसका कारण जानने की कोशिश में है कि जिन्हे नहीं मिला तो क्यूँ नहीं मिला और इसके उपाय क्या हैं? जैसे ही यह श्रम पूरा हो जायेगा, कंपनी पूरे जोरों से भुगतान शुरू कर देगी।“

3: तो फिर अब समस्या कहाँ है?
उत्तर: 21 दिसम्बर 2012 का कंपनी का अपडेट ध्यानपूर्वक पढ़ें। कंपनी ने कहा है कि “हम अपने आखिर अपडेट के मुताबिक स्पीक एशियन समुदाय को आगे बताना चाहते हैं कि पहले टेस्ट बैच को भेजे भुगतान का विश्लेषण किया है। कुछ मुश्किलें हैं जैसे कि एक ही पनेलिस्ट id के एक से ज्यादा दावेदार हैं, बैंक खातों का विवरण मेल नहीं खा रहा जो कि exit form में दिया गया था, जिसकी वजह से सबका भुगतान उनके खाते में नहीं आया। अब जबकि कारण मिल चुके हैं तो हम आशा रखते हैं कि इसका समाधान इस माह के अंत तक हो जायेगा। इसका समाधान होते ही हम परीक्षण भुगतान का दूसरा बैच भेज देंगे। दुसरे बैच के सफलतापूर्वक हो जाने के पश्चात् हम अपनी एग्जिट पालिसी के मुताबिक भुगतान आरंभ कर देंगे।“
4: कंपनी ने ऐसा क्यूँ कहा कि भुगतान संबंधी और भी बाधाएं हैं?
उत्तर: अगर कंपनी अपने पनेलिस्ट्स के साथ अपनी परेशानियां सांझी करती हैं तो इसमें हर्ज़ क्या है? उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि बस एक ही मुसीबत है। बल्कि उनका यह कहना है कि “देरी के बहुत से कारणों में एक मुख्य कारण यह भी है कि सारा लेनदेन (transactions) और जांच(checking) मैन्युअली (manually) यानी कि खुद अपने हाथ से करनी है, क्यूंकि पुरानी स्वचालित प्रणाली (ऑटोमेटेड सिस्टम) आर्थिक अपराध शाखा मुंबई पुलिस के अधीन (custody ) है। हम अपने सभी स्पीक एशियन्स से प्रार्थना करते हैं कि कृपया सयंम बनाएं रखें और हमारे साथ सहन करें क्यूंकि हम बहुत ही विह्वलता से (feverishly) अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं l” तो यहाँ मुश्किल एक नहीं अनेक हैं। अगर हम सभी ने एग्जिट फॉर्म में सही विवरण दिया होता तो शायद इतनी मुश्किल नहीं होती।
5: जिन्होंने अपना विवरण सही दिया है, उनका भुगतान क्यूँ नहीं किया गया?
उत्तर: दोबारा से 21 दिसम्बर 2012 का कंपनी अपडेट देखें। उसमे साफ़ साफ़ लिखा है कि “सारा लेनदेन (transactions) और जांच(checking) मैन्युअली (manually) यानी कि खुद अपने हाथ से करनी है, क्यूंकि पुरानी स्वचालित प्रणाली (ऑटोमेटेड सिस्टम) आर्थिक अपराध शाखा मुंबई पुलिस के अधीन (custody ) है। हम अपने सभी स्पीक एशियन्स से प्रार्थना करते हैं कि कृपया सयंम बनाएं रखें और हमारे साथ सहन करें क्यूंकि हम बहुत ही विह्वलता से (feverishly) से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं l” क्या यह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है? ठीक है, कोई बात नहीं। मैं आपको बताता हूँ। मेरी समझ के मुताबिक अब कंपनी भुगतान तब तक नहीं करेगी, जब तक कि इस से जुडी सारी बाधाएं दूर नहीं हो जातीं और अब हमें दुसरे परिक्षण भुगतान का धैर्य से इंतजार करना चाहिए।

6: कई लोगों के ब्यान : स्पीक एशिया व्यवसाय शुरू करने से पहले एग्जिट का भुगतान नहीं करेगी।
उत्तर: ऐसा नहीं है। कंपनी इस से पहले अपना भुगतान करने को आतुर है, प्रयासरत है, और इच्छा भी है। क्यूंकि ऐसा करने से व्यवसाय को दोबारा शुरू करने में मदद मिलेगी। अगर इस बीच किसी भी तरह से व्यवसाय दोबारा शुरू हो जाता है तो एग्जिट भुगतान इसके बाद होगा, तो पहले और बाद वाली कोई बात नहीं है, परेशानियाँ दूर होनी चाहियें, बस।

7: कंपनी ने व्यवसाय को दोबारा शुरू करने की मांग कहाँ की है?
उत्तर: ऐसी किसी मांग का इस समय कोई आवश्यकता और औचित्य नहीं क्यूंकि आर्थिक अपराध शाखा मुंबई की जांच जारी है। जांच पूरी हो जाने के बाद ही कंपनी इस दिशा में ज़रूरी क़दम उठा सकती है।

8: तो स्पीकएशिया अपनी वेबसाइट वापसी की मांग क्यूँ नहीं कर रही? (फिर वही सवाल)
उत्तर: वेबसाइट की मांग व्यावसाय दोबारा शुरू करने का हिस्सा है। जब तक जांच जारी है, वेबसाइट की मांग नहीं की जा सकती। अदालत ने कहीं अगर मना कर दिया तो और लेने के देने।

9: स्पीक एशिया चोटी के वकीलों की सेवाएं भारत से सुरक्षित भाग जाने के लिए ले रही है।
उत्तर: स्पीक एशिया चोटी के वकीलों की सेवाएं भारत में सुरक्षित रूप से व्यावसाय को दोबारा शुरू करने के लिए ले रही है।

10: बहुत से लोग कहते हैं कि स्पीक एशिया कभी वापस नहीं आएगी।
उत्तर: सिक्के के दोनों पहलुओं को एक बार फिर गौर से देखें। अगर दोनों तरफ असली हैं तो उससे मैं कुछ उपयोगी खरीदूंगा।

11: कंपनी प्रबंधन (management) कहाँ है? सामने क्यूँ नहीं आते?
उत्तर: प्रबंधन को महसूस कीजिये। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है। हमारे आस पास बहुत कुछ हो रहा है। कौन कर रहा है? वह अभी सामने नहीं आ सकते क्यूंकि उनका सामने आना मेरी आपकी सोच से परे की बहुत सी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कई बार कुछ काम ढोल बजा के नहीं होते, उन्हे चुप चाप किया जाना ही समझदारी कहलाती है। यह अपनी अपनी समझ और विश्वास की बात है।

12: कई लोगों का प्रस्ताव: हमें एकजुट हो कर कुछ करना चाहिए।
उत्तर: जो भी सामने आएगा, उनके साथ कई लोग दुर्व्यवहार करेंगे और उसे अस्वीकृत (reject) कर देंगें जोकि बहुत ही निम्न सोच है। ऐस्पा पहले से ही यहाँ है जो पनेल्सिट्स के अधिकारों की रक्षा के लिए दिन रात लगी है। इसे समर्थन दें यां अनदेखा कर दें,
चुनाव हमारा है।

13: यह क्या बकवास लगा रखी है? स्पीक एशिया ने तो लूट लिया।
उत्तर: इसका मतलब कि आप पूरे तौर पर पढ़ नहीं रहे। क़ुदरत आपका भला करे।

14: स्पीक एशिया मेरा इकलौता कमाई का साधन था। मैं अपनी बुनियादी दैनिक ज़रूरतों को भी पूरा करने में असमर्थ हूँ।
उत्तर: हमेशा याद रखें: कमायें और खाएं।

टिप्पणी : जब भी कोई अपने विचार सांझा करे तो इसे उस व्यक्ति की समझ मानें । उसे एक दस्तावेज़ यां सबूत की तरह न देखें। क्यूंकि दस्तावेज़ बहुत ही खूबसूरत और पाक़ (pure) भी हो सकता है।

प्रार्थना : कृप्या इसे टुकड़ों टुकड़ों में न पढ़ें। सार जानने के लिए लेख को एक साथ रख के देखें।

(फिर भी कुछ लोग अपने हथियारों के साथ तैयार हैं :-) )

आभार,
अमन आज़ाद


( मुझे मेरे बहुत से मित्रों ने शिकायत कि मैं अपने लेखों में बहुत ही शुद्ध हिंदी लिखता हूँ। कई बार वाक्य का अर्थ समझ में नहीं आता और अर्थ का अनर्थ हो जाता है। इस लेख में मैंने इंग्लिश, हिंदी और उर्दू तीन भाषाओं का समावेश किया है। हिंदी की इस विवशता पर खेद है। )



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Regards...
Aman Azad
Aman Azad

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