नशेड़ियों का कोई धर्म, जाति, वैचारिक प्रतिबद्धता और भविष्य की योजनाएं नहीं होती हैं। यह कभी भी एक लक्ष्य लेकर कोई मिशन फतेह नहीं कर सकते। इनका प्रतिदिन का लक्ष्य एक ही होता है कि कैसे आज शाम का जुगाड किया जाए और अपने शुभचिंतकों के सामने अपने को सामान्य प्रदर्शित किया जाए। नशा प्रारंभ में एक स्टेटस सिंबल के प्रतीकस्वरूप होता है, किन्तु समय के साथ यह एक भीषण और ला-इलाज गंभीर बीमारी का रूप ले लेता है। नशेड़ी अपने को योग्य प्रदर्शित करने के लिए सदैव तत्पर और शब्दों के जाल बुनने की कला में निपुण होते हैं। प्रतिदिन अपने को सुधारने का संकल्प लेने के बावजूद यह सुधार नहीं कर पाते हैं। नशे की लत के कारण कई योग्य और गुणवान वह सबकुछ जिसके वह सही पात्र थे उससे वंचित रह जाते हैं। मेरा आग्रह है कि अपनी योग्यता जोकि परम् पिता परमेश्वर ने आपको इस धरती पर सुगंध फैलाने हेतु प्रदान की है, उसे नशे की लत में बेजा ही धुवां ना होने दे
Mahendra Srivastastava
Mobile-+91- 99 18 80 05 22
+91- 93 35 92 84 49
https://www.facebook.com/mpsri
Mobile-+91- 99 18 80 05 22
+91- 93 35 92 84 49
https://www.facebook.com/mpsri